नयी दिल्ली, (वार्ता) विदेश मंत्री एस जयशंकर और कुवैती विदेश मंत्री अब्दुल्ला अली अल याह्या ने बुधवार को द्विपक्षीय संबंधों को और बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की और पश्चिम एशिया में विकास तथा खाड़ी सहयोग परिषद के साथ भारत के सहयोग के मुद्दे पर विचारों का आदान-प्रदान किया।
श्री अल याह्या श्री जयशंकर के निमंत्रण पर दो दिवसीय दौरे पर भारत आए है। कुवैत के विदेश मंत्री के रूप में श्री अल याह्या की यह पहली आधिकारिक भारत यात्रा है। श्री जयशंकर ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर पोस्ट में कहा, “आज कुवैत के विदेश मंत्री अब्दुल्ला अली अल-याह्या के साथ एक उपयोगी बैठक हुई। बहुआयामी भारत-कुवैत संबंधों और मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की। सहयोग के लिए संयुक्त आयोग की स्थापना के लिए आज हस्ताक्षरित समझौता निश्चित रूप से इन प्रयासों को आगे बढ़ाएगा।” उन्होंने कहा, “पश्चिम एशिया में हाल के घटनाक्रमों और जीसीसी के साथ हमारे सहयोग पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया।”
वहीं, एक बयान में कहा गया है कि दोनों मंत्रियों ने आज नयी दिल्ली में द्विपक्षीय वार्ता की और राजनीतिक, व्यापार, निवेश, ऊर्जा, खाद्य सुरक्षा तथा लोगों के बीच संबंधों सहित भारत-कुवैत संबंधों के संपूर्ण आयाम की समीक्षा की। बयान में कहा गया कि उन्होंने आपसी हितों के क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया। दोनों मंत्रियों ने विदेश मंत्रियों के स्तर पर सहयोग के लिए एक संयुक्त आयोग (जेसीसी) की स्थापना को लेकर समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। व्यापार, निवेश, शिक्षा, प्रौद्योगिकी, कृषि, सुरक्षा और संस्कृति के क्षेत्रों में नए संयुक्त कार्य समूह जेसीसी के तहत स्थापित किए जाएंगे। जेसीसी तंत्र नए संयुक्त कार्य समूहों और हाइड्रोकार्बन, स्वास्थ्य और कांसुलर मामलों सहित क्षेत्रों में मौजूदा लोगों के तहत हमारे द्विपक्षीय संबंधों के संपूर्ण दायरे की व्यापक समीक्षा और निगरानी के लिए एक छत्र संस्थागत तंत्र के रूप में कार्य करेगा।