शिमला (वार्ता) कांग्रेस ने हिमाचल प्रदेश में सरकार और पार्टी संगठन के बीच बेहतर समन्वय के लिए रविवार को छह सदस्यीय समिति का गठन किया।
यह निर्णय राज्य में गत 27 फरवरी को हुए राज्यसभा चुनाव में पार्टी के छह विधायकों द्वारा क्रॉस वोटिंग के बाद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार के संकट में आने के कुछ दिनों बाद लिया गया। क्रॉस वोटिंग के कारण कांग्रेस उम्मीदवार वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी चुनाव हार गए। चुनाव में श्री सिंघवी और उनके प्रतिद्वंद्वी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के हर्ष महाजन को 34-34 वोट मिले। इसके बाद श्री महाजन ने ड्रॉ के जरिए जीत हासिल की।
विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने बाद में छह कांग्रेस विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया था।
पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि कांग्रेस अध्यक्ष ने राज्य में सरकार और पार्टी संगठन के बीच बेहतर समन्वय के लिए एक समन्वय समिति गठित करने के प्रस्ताव को तत्काल प्रभाव से मंजूरी दे दी है।
समिति में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू , राज्य पार्टी प्रमुख प्रतिभा सिंह, उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री, पूर्व पार्टी प्रदेश अध्यक्ष कौल सिंह ठाकुर, स्वास्थ्य मंत्री धनीराम शांडिल और पूर्व मंत्री राम लाल ठाकुर शामिल हैं।