० बूंदाबांदी एवं तेज हवाओं से खतरे का बढ़ा अंदेशा, गेंहू के फसलों की चल रही कटाई एवं गहाई
नवभारत न्यूज
सीधी 13 अप्रैल। तीन दिनों से मौसम का मिजाज लगातार बदल रहा है। कुछ समय के लिए तेज धूप खिल जाती है तो दोपहर बाद से आसमान में घने बादल भी उमडऩे लगते हैं। जिले के कई क्षेत्रों में बूंदाबांदी एवं तेज हवाओं का दौर बीच-बीच में चल रहा है। जिसके चलते किसान अपनी फसलों को लेकर काफी चिंतित नजर आ रहे हैं।
बादल छा जाने के बाद अंधेरे की स्थिति निर्मित हो जाती है। मौसम विभाग की ओर से भी लगातार तेज आंधी एवं बारिश की चेतावनी का अलर्ट जारी हो रहा है। किसान बदलते मौसम के कारण अपने सभी कार्य छोडक़र पहले गेंहू की कटाई एवं गहाई का काम में जुट गए हैं। मौसम को देखते हुए किसान यह प्रयास कर रहे हैं कि फसलों की कटाई एवं गहाई का कार्य जल्द से जल्द पूर्ण हो जाए और फसल सुरक्षित रूप से उनके घर पहुंच जाए। कुछ किसान राई सहित गेंहू की फसल काट चुके हैं लेकिन गेंहू की फसल की थ्रेेशिंग नहीं करवा पाए हैं ऐसे में फसल खलिहान में ही पड़ी है। फसल को समेटने में किसान दिन रात जुटे हुए हैं। चर्चा के दौरान समीपी क्षेत्रों के कुछ किसानों का कहना था कि इस समय यदि बारिश होती है तो किसानों की मेहनत पर पानी फिर जाएगा। जिले में धूल भरी आंधी, तेज हवाओं के साथ हल्की बारिश होने की संभावना जताई जा रही है।
मौसम विभाग के मुताबिक हिमालय में वेस्टर्न डिस्टबेंस के एक्टिव होने से 10 अप्रैल से पूरे मध्य प्रदेश मेें बूंदाबांदी एवं हल्की बारिश की संभावना बनी हुई है। कई स्थानों में हल्की बारिश हो भी रही है। कुछ स्थानों में ओलावृष्टि को लेकर भी अलर्ट जारी किया गया है। अगले एक सप्ताह तक मौसम का मिजाज इसी तरह रहने की संभावना जताई गई है। इस वजह से किसानों की चिंताएं बढ़ी हुई हैं।
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खेत और खलिहानों में मौजूद है अधिकांश फसल
जिले में चार दिनों से मौसम का मिजाज बदला हुआ है। जिसके चलते किसानों की आफत बढ़ गई है। किसानों के अनुसार कुछ जगहों में अभी फसल की कटाई शुरू नहीं हो पाई है। ऐसे में अगर ओलावृष्टि होती है तो सब कुछ तबाह हो जाएगा। बताया जा रहा है कि कुछ जगहों में फसलों की कटाई चालू है उसमें भी गेंहू की फसलों में नहीं बल्कि दलहनी फसलों की कटाई तेजी से हो रही है। कुछ स्थानों में ही गेंहू के फसल की कटाई का काम शुरू है। बता दें कि इस वर्ष बेमौसम बारिश एवं ओलावृष्टि से कई गांवों के किसानों को पूर्व में ही भारी क्षति हो चुकी है। अब अगर ओलावृष्टि होती है तो बची-कुची फसल भी खेत में ही नष्ट हो जाएगी। मौसम के बदलते मिजाज के चलते किसान भी इस प्रयास में हैं कि जल्द से जल्द फसलों की कटाई एवं गहाई का कार्य हो जाए। वैवाहिक कार्यक्रमों की शुरुआत हो जाने के कारण काफी संख्या में किसान इनमें भी व्यस्त हो चुके हैं। जिसके चलते फसलों की कटाई एवं गहाई के कार्य में असर पड़ रहा है। मौसम के बदल रहे मिजाज के चलते किसान काफी सांसत में फंसे हुए हैं। कुछ किसानों का कहना था कि जिस तरह से फसलों की कटाई के समय मौसम लगातार बदल रहा है उसके चलते किसी अनहोनी की संभावना निर्मित हो रही है। इस वजह से सभी ऊपर वाले से यही प्रार्थना कर रहे हैं कि सीधी जिले में किसानों को आर्थिक आपदा से सुरक्षित रखें।
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