भोपाल, 02 दिसंबर (वार्ता) भारतीय पुलिस सेवा के वर्ष-1988 बैच के वरिष्ठ अधिकारी कैलाश मकवाना ने आज मध्यप्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) का कार्यभार ग्रहण किया।
पुलिस महानिदेशक का कार्यभार संभालने के लिए पुलिस मुख्यालय पहुँचने पर श्री मकवाना को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। श्री मकवाना इससे पहले मध्यप्रदेश पुलिस हाउसिंग कॉरर्पोरेशन भोपाल के अध्यक्ष के रूप में कार्यरत थे।
इस अवसर पर पत्रकारों से चर्चा में श्री मकवाना ने कहा कि उनकी प्राथमिकता पुलिस विभाग में अनुशासन बनाने के साथ ही कानून के अनुरूप कार्य करने की है। उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग में अनुशासन सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है और इस पर विशेष जोर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि वे पिछले तीन वर्षों से पुलिस मुख्यालय से दूर पदस्थ थे, इसलिए अब सभी कामकाज को देखेंगे और सुधार की आवश्यकता हुयी, तो उसके अनुरूप कदम उठाए जाएंगे।
श्री मकवाना को उल्लेखनीय पुलिस कार्यों के लिए वर्ष 2005 में राष्ट्रपति के सराहनीय सेवा पदक और वर्ष 2014 में विशिष्ट सेवा पदक से सम्मानित किया गया था। श्री मकवाना दंतेवाड़ा, बस्तर, मंदसौर और बैतूल जिले के पुलिस अधीक्षक रह चुके हैं। उन्होंने अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक प्रबंध, सीआईडी, इंटेलीजेंस, प्रशासन व नारकोटिक्स के दायित्व का निर्वहन भी किया है। इसके अलावा वे स्पेशल डीजी सीआईडी एवं डीजी (विशेष पुलिस स्थापना) लोकायुक्त के रूप में भी पदस्थ रहे हैं।
नवनियुक्त पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) श्री मकवाना ने मीडिया से चर्चा में कहा कि वह मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हैं। जिस विश्वास और जिम्मेदारी के साथ उन्हें यह दायित्व सौंपा गया है, वह उसे पूरी ईमानदारी और समर्पण के साथ निभाएंगे। उन्होंने कहा कि राज्य में बढ़ते साइबर अपराधों पर काबू पाना उनकी प्रमुख प्राथमिकताओं में से एक होगा। ‘डिजिटलीकरण और ऑनलाइन लेन-देन में वृद्धि के साथ ही साइबर अपराधों में तेजी आई है। इसे रोकने के लिए पुलिस को तकनीकी दृष्टि से और सक्षम बनाने की आवश्यकता है। साइबर अपराधों से निपटने के लिए मानव संसाधन और तकनीकी उन्नति को प्राथमिकता दी जाएगी।
इसके साथ ही उन्होंने यातायात सुरक्षा को एक बड़ी चुनौती बताते हुए कहा कि सड़क दुर्घटनाओं के कारण होने वाली मौतों को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि यातायात सुरक्षा और जागरुकता अभियान को तेज किया जाएगा। दुर्घटनाओं को कम करने के लिए इंजीनियरिंग डिजाइनों और अन्य विभागों के साथ समन्वय पर ध्यान दिया जाएगा।
डीजीपी ने पुलिस की कार्यशैली में सुधार पर बल देते हुए कहा कि पुलिस थानों में आम जनता के साथ जुड़ाव और उनकी समस्याओं के समाधान को प्राथमिकता दी जाएगी। उन्होंने कहा कि उनकी कोशिश रहेगी कि पुलिस थानों में आम जनता की समस्याओं को गंभीरता से सुना जाए और समय पर समाधान किया जाए। हमारा लक्ष्य राज्य को सुरक्षित और जनता के लिए भरोसेमंद बनाना है।
उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार ने 2028 में आयोजित होने वाले सिंहस्थ महाकुंभ की तैयारियों की शुरुआत कर दी है। उज्जैन में होने वाला यह विश्व प्रसिद्ध धार्मिक आयोजन करोड़ों श्रद्धालुओं को आकर्षित करेगा और आध्यात्मिक, सांस्कृतिक एवं सामाजिक महत्व का केंद्र बनेगा। सिंहस्थ 2028 को सुरक्षित, सुव्यवस्थित और पर्यावरण अनुकूल बनाने की हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। इस दौरान उन्होंने विभागीय अधिकारियों के साथ बैठकों का दौर शुरू करने और राज्य के पुलिसिंग सिस्टम की गहन समीक्षा करने की बात भी कही।