रिटायर्ड महिला डाक्टर से ठगी का मामला
डिजिटल अरेस्ट करके लिए थे 10.50 लाख
भोपाल, 30 नवंबर. अवधपुरी में रहने वाली रिटायर्ड महिला डाक्टर को डिजिटल अरेस्ट कर 10.50 लाख रुपये की ठगी करने वाले जालसाजों को अब सायबर क्राइम ब्रांच तलाश करेगी. शुक्रवार को रेस्क्यू करने के बाद मामला सायबर क्राइम ब्रांच को सौंप दिया गया है. क्राइम ब्रांच केस दर्ज कर जल्द ही जांच शुरू कर देगी. फिलहाल पुलिस के पास जालसाजों के दो मोबाइल नंबर और एक बैंक एकाउंट की जानकारी है. पुलिस दोनों ही मोबाइलों की सीडीआर निकवा रही है. जानकारी के अनुसार डॉ. रागिनी मिश्रा (65) रिटायर्ड डाक्टर हैं. वह अपने पति डॉ. महेश मिश्रा के साथ अवधपुरी स्थित रीगल पैराडाइज में रहती हैं. पिछले बुधवार को उनके मोबाइल पर अज्ञात व्यक्ति का फोन आया. उसने खुद को महाराष्ट्र पुलिस बताते हुए नंबर ब्लाक करने की जानकारी दी. डाक्टर रागिनी ने जब कारण पूछा तो बताया गया कि आपके केनरा बैंक एकाउंट में एक एयरवेज कंपनी की तरफ से 473 करोड़ रुपये का लेन-देन किया गया है, जो मनी लॉडरिंग की श्रेणी में आता है. डाक्टर ने जब उक्त बैंक एकाउंट अपना होने से इंकार किया तो फोन करने वाले ने सीबीआई के नाम पर उन्हें डराया और डिजिटल अरेस्ट कर लिया. अगले दिन गुरुवार को जालसाजों ने एनआईएफटी के माध्यम से एक बैंक एकाउंट में डाक्टर से साढ़े दस लाख रुपये डलवा लिए. ठगी का एहसास होने पर शुक्रवार सुबह डाक्टर ने अपने पति को जानकारी दी, जिसके बाद मामला पुलिस अफसरों तक पहुंचा. घर पहुंचे गोविंदपुरा एसीपी दीपक नायक ने जालसाजों से बात की तो वह उन्हें केंद्रीय जांच एजेंसी का हवाला देते हुए काम में दखल नहीं देने का बोलने लगे. एसीपी ने जब उन्हें अपना पुलिसिया अंदाज बताया तो जालसाजों ने फोन डिस्कनेक्ट कर दिया था. क्राइम ब्रांच को सौंपी गई जांच शनिवार को यह मामला भोपाल सायबर क्राइम ब्रांच को सौंप दिया गया. सायबर क्राइम ब्रांच द्वारा अज्ञात जालसाजों के खिलाफ केस दर्ज कर जांच की जाएगी. जालासजों के दोनों मोबाइल की सीडीआर निकलवाई जाएगी. साथ ही यह पता लगाया जाएगा कि जिस एकाउंट में रुपये जमा करवाए गए हैं, वह किसके नाम पर है. उसके बाद आरोपियों की गिरफ्तारी की जाएगी.