हाईकोर्ट ने दिये यथास्थिति में आदेश, अनावेदकों को नोटिस जारी
जबलपुर। प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा के विधायक राजनीतिक लाभ पाने के लिए दशकों से निवासरत पट्टाधारी व्यक्तियों के मकान तुड़वाना चाहते है। इसके लिए वह प्रशासन पर दबाव बना रहे है और जेसीबी मशीन लेकर खुद मकान तोड़ने पहुँच गये थे। याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत तथा जस्टिस विवेक जैन की युगलपीठ ने यथास्थिति के आदेश देते हुए अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
जिला मऊ निवासी नरेन्द्र बहादुर सिंह की तरफ से दायर की गयी याचिका में कहा गया था कि ग्राम देवरा में स्थित महादेवन मंदिर खसरा क्रमांक 127 में स्थित शासकीय जमीन में बना हुआ है। खसरा क्रमांक 128 में स्थित शासकीय जमीन का पट्टा उसमें काबिल मुस्लिम, दलित व अन्य समाज के लोगों को दिया गया था। स्थानीय विधायक प्रदीप कुमार पटेल पट्टाधारियों को अतिक्रमणकारी बताते हुए विगत 19 नवम्बर को जेसीबी मशीन में सवार होकर मकान तोड़ने पहुँच गये थे। इस दौरान पथराव की घटना भी घटित हुई थी।
पुलिस ने स्थानीय विधायक के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया था। न्यायालय से उन्हें जमानत का लाभ मिल गया था। पुलिस ने एहतियातन तौर पर उन्हें नजरबंद रखा था तथा एसडीएम ने उनके ग्राम देवरा में जाने पर 15 दिन की रोक लगा दी थी। इसके बावजूद भी वह पुलिस की नजरबंदी तोडते हुए ग्राम देवरा पहुँच गये थे। पुलिस ने उनके खिलाफ पुनः कार्यवाही करते हुए नजरबंद किया था। याचिका में कहा गया था कि सत्तारूढ़ पार्टी के स्थानीय विधायक प्रशासन पर पट्टाधारियों का मकान तोडने दबाव बना रहे है। याचिका में प्रमुख सचिव गृह विभाग, आईजी रीवा जोन, कलेक्टर व पुलिस अधीक्षक मऊगंज, विधायक प्रदीप पटेल सहित अन्य को अनावेदक बनाया था। याचिका की सुनवाई के बाद युगलपीठ ने उक्त आदेश जारी किये। याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता मनोज शर्मा तथा अधिवक्ता काजी फखरुद्दीन ने पैरवी की।