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बागली। बागली गायत्री प्रज्ञा भवन के लोकार्पण के लिए आए देव संस्कृति विश्वविद्यालय के उप कुलपति डॉक्टर चिन्मय पंड्या द्वारा उपस्थित श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए बताया कि बड़े सयोंग की बात है। वर्तमान में अखंड ज्योति का शताब्दी वर्ष वंदनीया माताजी के अवतरण का शताब्दी वर्ष और गायत्री परिवार के विस्तार का शताब्दी वर्ष चल रहा है।यह त्रिवेणी सयोगं आना हम सब के लिये सौभाग्य है। 1926 में आवंल खेड़ा में प्रज्वलित हुई ज्योती देखते-देखते ही अखंड ज्योति के रुप में पूरे विश्व को प्रकाश मन कर रही है । इस अखंड ज्योति का 2026 मे100 वर्ष पूरे हो रहे है। छोटी-छोटी कहानियों के माध्यम से डॉक्टर चिन्मय पंड्या ने गायत्री परिवार के विदेश में विस्तार के विषय में महत्वपूर्ण जानकारी आदि इसी श्रृंखला में आगे बताया कि जीस प्रकार मत्स्य अवतार की बातें सभी सनातन धर्म के लोग जानते हैं। और मत्स्य अवतार में छोटी सी मछली का स्वरूप कमंडल से कुएं में कुएं से तालाब में तालाब से सागर में बढ़ता ही गया लेकिन यह पुराणों में लिखा है। इसी प्रकार गायत्री यज्ञ की ज्योति आवंल खेड़ा में सूक्ष्म रूप से शुरू हुई थी। वहां से सप्तऋषि आश्रम पहुंची आश्रम से हरिद्वार पहुंची और आज विश्व के 80 से अधिक देशों में यह ज्योति पहुंच चुकी है। यह भी अपने आप में ईश्वर का अवतार है। ईश्वर को प्राप्त करने के लिए भावना का होना जरूरी है। मंत्र और प्रक्रिया भले ही याद ना हो लेकिन मां से की गई प्रार्थना ईश्वर तक अवश्य पहुंचती है। बागली में आकर उन्हें लगा कि गायत्री परिवार की ज्योति यहां भी विद्यमान है। कार्यक्रम में डॉक्टर चिन्मय पंड्या का बागली गायत्री परिवार द्वारा सम्मान किया गया इस अवसर पर मंच पर विराजित जगदीश जी कुलमी समन्वयक शांतिकुंज राजेश पटेल समन्वयक भोपाल रामचंद्र जी गायकवाड श्री कृष्ण जी शर्मा उप जोन समन्वयक विशेष रूप से उपस्थित रहे कार्यक्रम का संचालन श्री राम अवतार पाटीदार प्रोफेसर देव संस्कृति द्वारा किया गया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में पुरुष और महिलाएं उपस्थित रही। इस दौरान गायत्री परिवार से जुड़े वरिष्ठ कार्यकर्ता रमेश चंद्र मोदी सिरोलिया रामप्रसाद खराडिया राजेंद्र ईनाणी प्रवीण चौधरी विजय यादव सूर्य प्रकाश गुप्ता महेश आचार्य आशीष गुप्ता श्रीमती रश्मि योगी, शोभा गोस्वामी, संध्या शिवहरे, भारती गुप्ता, सीमा गुप्ता, सरोज जौहरी, सहित कई श्रद्धालुओं ने मंच पर अतिथियों का स्वागत किया कार्यक्रम के उपरांत डॉक्टर चिन्मय पंड्या अल्पविराम के लिए समीप में ही गायत्री परिवार से अतुल गुप्ता अमित गुप्ता परिवार में पहुंचे यहां से अगली यात्रा के लिए रवाना हुए।