चिकनगुनिया की पड़ताल के लिए डॉक्टरों की टीम गठित

डेथ ऑडिट से होगा खुलासा, बुजुर्ग की मौत चिकनगुनिया से या कारण कुछ और

 

 

ग्वालियर के रिटायर्ड फौजी की मौत चिकनगुनिया से हुई है? क्या ये चिकनगुनिया से इस सीजन में जिले मे हुई पहली मौत है? ये वो सवाल है जिसकी पड़ताल के लिए अब दीनदयाल दिल्ली के निजी अस्पताल के पर्चे में है विकनगुनिया का जिक्र नगर के पुष्कर कॉलोनी में रहने वाले 65 वर्षीय बुजुर्ग सुरेश सिंह चौहान की मौत का डेथ ऑडिट किया जाएगा। दरअसल, तबीयत बिगड़ने पर परिजन उन्हें लेकर दिल्ली गए थे। 22 अक्टूबर को दिल्ली के निजी अस्पताल के पर्चे में बुजुर्ग को चिकनगुनिया होना बताया गया था। इसके बाद आराम मिलने पर बुजुर्ग वापस ग्वालियर भी आ गए, लेकिन सात दिन पहले 22 नवंबर को बुजुर्ग की जब हालत फिर से बिगड़ी तो परिजन उन्हें

 

*मौत के बाद अलर्ट, डीडी नगर में उतरी स्वास्थ्य महकमें की टीम*

 

रिटायर्ड फौजी की मौत के बाद डीडी नगर में चिकनगुनिया फैलने की खबर से हड़कम्प की स्थिति है। बताया जा रहा है वहां बड़ी संख्या में घर-घर में लोगों को चिकनगुनिया ने अपनी गिरफ्त में ले लिया है। लिहाजा सीएमएचओं डॉ. सचिन श्रीवास्तव ने इस स्थिति की भी पड़ताल के लिए आज मलेरिया विभाग की पूरी टीम को डीडी नगर में सर्वे के लिए लगाया है। मलेरिया अधिकारी डॉ. विनोद दौनेरिया ने बताया सुबह 12 बजे तक डीडी नगर के 100 घरों का सर्वे पूरा हो चुका था, लेकिन किसी भी घर में न तो लार्वा मिला और न ही कोई चिकनगुनिया से पीड़ित मरीज मिला। फिलहाल मलेरिया विभाग की टीम का सर्वे जारी है। हालांकि इसके पहले 19 नवंबर को भी मलेरिया विभाग द्वारा इस क्षेत्र का सर्वे किया गया था।

 

अब तक 751 की जांच में 203 चिकनगुनिया

 

और 1431 डेंगू मरीज डिटेक्ट इस वर्ष चिकनगुनिया की 751 जांच की जा चुकी है और इनमे से 203 मरीज इससे ग्रसित मिले है। इनमे से करीब 150 से ज्यादा मरीजों के ठीक होने की सूचना है। जबकि शेष मरीजों की स्थिति भी ठीक बताई जा रही है। वहीं डेंगू के आंकड़ों को देखे तो इस साल 22352 मरीजों की जांच में 1431 मरीज पॉजीटिव आए। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक इनमें से दो मरीजों की मौत डेंगू से होना बताई गई है।

फिर दिल्ली इलाज के लिए लेकर पहुंचे। इलाज के दौरान बीते रोज उन्होंने दम तोड़ दिया। इस मौत की वजह चिकनगुनिया बताई जा रही है। जबकि दिल्ली में हुई चिकनगुनिया की जांच रिपोर्ट के करीब 35 पहले की है। वहीं बताया जाता है कि बुजुर्ग सीओपीडी,डायबटीज, हार्ट सहित मल्टी डिसीज से भी ग्रसित थे। लिहाजा बुजुर्ग की मौत की हकीकत को जानने के लिए सीएमएचओं डॉ. सचिन श्रीवास्वत ने डॉक्टरों की एक टीम गठित की है। ये टीम अब बुजुर्ग की मौत की वजह की वास्तविकता जांचेगी।

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