नई दिल्ली,29 नवंबर (वार्ता) भवन निर्माण सामग्री बनाने वाली इकाइयों के फोरम नेशनल काउंसिल फार सीमेंट एंड बिल्डिंग मैटीरियल्स (एनसीबी) ने सीमेंट उद्योग में कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन घटाने के नए तरीकों की खोज करने के लिए ग्लोबल सीमेंट एंड कंक्रीट एसोसिएशन (जीसीसीए), की भारतीय शाखा के साथ दो करार किए हैं।
एनसीबी वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) के प्रशासनिक नियंत्रण के अधीन एक संस्था है।
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय की एक विज्ञापन के अनुसार इन समझौतों पर राजधानी में यशोभूमि में आयोजित 18वें एनसीबी अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन और सीमेंट एवं कंक्रीट प्रदर्शनी के दौरान हस्ताक्षर किए गए। यह आयोजन आज संपन्न हो रहा है जिसमें भाग लेने वाले सर्वश्रेष्ठ सीमेंट संयंत्रों को राष्ट्रीय सीमेंट उद्योग पुरस्कार और सम्मेलन के दौरान प्रस्तुत विशेष योग्यता वाले शोधपत्रों में सर्वश्रेष्ठ शोध-पत्रों को पुरस्कार प्रदान किया जाएँगे।
विज्ञप्ति में कहा गया है कि भारतीय सीमेंट क्षेत्र में डीकार्बोनाइजेशन के क्षेत्र में अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए एनसीबी और जीसीसीए के बीच एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। इस एमओयू पर एनसीबी के महानिदेशक डॉ. एल पी सिंह और जीसीसीए, इंडिया के निदेशक मनोज रुस्तगी ने हस्ताक्षर किए। यह 2070 तक भारतीय सीमेंट उद्योग को “नेट जीरो” बनाने के चल रहे प्रयासों को गति प्रदान करेगा।
इसके साथ ही, सीमेंट उत्पादन में थर्मल प्लाज्मा टॉर्च तकनीक के अनुप्रयोग पर एनसीबी और एआईसी-प्लाज्माटेक इनोवेशन फाउंडेशन के बीच एक अन्य समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। इस एमओयू पर डॉ. एल पी सिंह (महानिदेशक-एनसीबी) और डॉ. नीरव जमनापारा (निदेशक-एआईसी प्लाज्माटेक) ने हस्ताक्षर किए। यह एमओयू सीमेंट निर्माण प्रक्रिया में थर्मल प्लाज्मा प्रौद्योगिकियों के संभावित अनुप्रयोगों का पता लगाएगा।