राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के नाम दिया ज्ञापन
इंदौर: देश के 10 प्रमुख केन्द्रीय श्रम संगठनों व एसोसिएशन/फैडरेशन एवं सयुक्त किसान मोर्चा के संयुक्त आह्वान पर पूरे देश में केन्द्र सरकार की मजदूर किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन किाय गया. इसी के तहत मंगलवार दोपहर संभागीय कमिशनर कार्यालय के समक्ष धरना देकर राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंप गया.संविधान दिवस के मौके पर भी संभाग आयुक्त कार्यालय पर किसानों और मजदूरों का धरना हुआ.
धरने का नेतृत्व श्याम सुंदर यादव, रुद्रपाल यादव, रामस्वरूप मंत्री, कैलाश लिंबोडिया, अरुण चौहान, बबलू जाधव, शैलेंद्र पटेल, प्रमोद नामदेव ,सोनू शर्मा हरि ओम सूर्यवंशी आदि ने किया. धरने में इंटक, एटक, सीटू, एचएमएस, एआई यूटी सी यू, संयुक्त किसान मोर्चा से जुड़े किसान संघर्ष समिति, अखिल भारतीय किसान सभा, अखिल भारतीय किसान खेत मजदूर संगठन, भारतीय किसान मजदूर सेना, भारतीय किसान खेत मजदूर यूनियन, सिटी ट्रेड यूनियन कौन्सिल,सयुक्त ट्रेड यूनियन कौन्सिल से जूडे किसान, मजदूर, बैंक, बीमा कर्मचारी और युवा ट्रेड यूनियन कार्य कर्ता शरीक हुए. धरने के बाद संभाग आयुक्त कार्यालय पर प्रदर्शन किया गया और राष्ट्रपति एवं प्रधानमंत्री के नाम विभिन्न मांगों को लेकर ज्ञापन दिया गया.
यह रही प्रमुख मांगें
ज्ञापन में कहा गया कि खेती की लागत और मुद्रास्फीति हर साल 12-15 प्रतिशत से अधिक बढ़ रही है. सरकार एमएसपी में केवल 2 से 7 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर रही है. किसान अपनी अल्प एमएसपी, एपीएमसी मंडियां, एफसीआई और पीडीएस आपूर्ति को बचाने के लिए भी फिर से सड़कों पर उतरने को मजबूर हैं. वर्ष 2019 से 186 किसानों का भुगतान इंदौर कृषि उपज मंडी पर बकाया है तत्काल इन किसानों का मंडी निधि से भुगतान किया जाए. अहिल्या पथ योजना रद्द की जाए. इसमें किसानों की हजारों मीटर जमीन स्कीम लगाकर हड़पी जा रही है. यह योजना भारी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुकी है. 2017 का फसल बीमा इंदौर जिले के 628 किसानों का अब तक बकाया है. इसे किसानों को जल्द दिया जाए. घोड़ा रोज़ की समस्या का समाधान तत्काल किया जाए