पुलिस की जनसुनवाई में पहुंचे आवेदक
दहेज प्रताड़ना से लेकर प्रापर्टी व घरेलु समस्याओं के अधिक आए आवेदन
इंदौर: पलासिया स्थित पुलिस कंट्रोल रूम पर मंगलवार हुई जनसुनवाई में बड़ी संख्या में आवेदन लेकर शिकायतकर्ता पहुंचे. जनसुनवाई में आए सभी शिकायतकर्ताओं को पुलिस कमिश्नर संतोष सिंह ने सुना और निष्पक्ष जांच के निर्देश अधिकारियों को दिए. इस बार मेक्सिको से एक महिला भी अपनी फरियादी लेकर पहुंची. ज्यादातर मामले दहेज प्रताड़ना से लेकर प्रापर्टी व घरेलु समस्याओं के अधिक आवेदक आए.
एडिशनल पुलिस कमिश्नर अमित सिंह ने बताया कि इस बार जनसुनवाई में अलग व्यवस्था शुरू की गई थी. जिसके तहत अब हर मंगलवार को उन पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों का सम्मान किया जाएगा जिन्होंने किसी भी केस में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए समय सीमा में केस सुलझाया हो. वहीं अब जनसुनवाई में ऐसे मामले जो मध्यस्थता से हल हो सकते हैं उनके लिए जनसुनवाई में एक सीनियर मध्यस्थ महिला अधिकारी की भी नियुक्ति की गई है जो आपसी समन्वय से सुलझाए जाने वाले मामलों को देखेंगी. जिससे ज्यादातर मामले जनसुनवाई में ही हल हो सकते है.
चार करोड़ देने के बाद भी जेल में...
पुलिस जनसुनवाई में सात समंदर पार मेक्सिको में अपने बेटे के लिए न्याय की गुहार लेकर पिता और पत्नी पहुंचे. दोनों ही हिंदी नहीं जानते थे, इसलिए उनके अधिवक्ता ने बताया कि कुछ साल पहले फिल्म अभिनेता शाहरुख खान के बेटे के खिलाफ कार्रवाई करने वाले समीर वानखेड़े के खिलाफ कार्रवाई की गुहार लेकर यह लोग आए है. अधिवक्ता सौरव गुप्ता ने मीडिया से चर्च करते हुए बताया कि 23 सितंबर 2018 को आयुर्वेदिक दवाओं के व्यापार के सिलसिले में मेक्सिको से जॉर्ज नामक एक युवक इंदौर आया था. उसी दौरान उसे 25 सितंबर 2018 को अंतरराष्ट्रीय सिंडिकेट के नाम पर पकड़ा गया और फिर एनडीपीएस एक्ट के तहत कार्रवाई करते हुए जेल भेज दिया.
लेकिन उससे पहले उसे दो दिनों के लिए मुंबई ले जाया गया जहां पर समीर वानखेड़े जो कि मुंबई के बड़े अधिकारी थे, उनसे मिलवाया गया और फिर अन्य दो अधिकारी हरिशंकर गुर्जर और संदीप वर्मा पर आरोप लगाए गए हैं कि उन्होंने उसे छोड़ने के एवज में मोटी रकम की मांग की थी. उसके बाद जॉर्ज ने मेक्सिको में रहने वाली उनकी पत्नी से व्हाट्सएप चैट की और फिर वहां से 4 करोड़ रुपए मंगवाए गए. बावजूद जॉर्ज अभी भी जेल की सलाखों के पीछे है. उसी को न्याय दिलवाने का आवेदन लेकर उसकी पत्नी और पिता यहां आए है, इस पर पुलिस का कहना हैं कि शिकायत अनुसार जो भी उचित कार्रवाई होगी वह की जाएगी.
भूख हड़ताल की मांगी अनुमति
जनसुनवाई में मजदूरों का मामला लेकर आए एनआरआई गौरव अहलावत कुछ मजदूरों को लेकर पहुंचे. उन्होंने पुलिस अधिकारियों को कुछ सबूत दिखाए उनके आधार पर न्याय की गुहार लगाई है. उन्होंने कार्रवाई नहीं होने से आहत होकर भूख हड़ताल की अनुमति भी मांगी. उन्होंने मीडिया से बात करते हुए बताया कि वह पिछले 72 दिनों से मजदूरों के साथ हुई धोखाधड़ी की शिकायत तमाम विभागों में कर चुके हैं. यहां तक की पीएमओ कार्यालय से लेकर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री और तमाम सबूत विभागों को दे चुके हैं लेकिन कार्रवाई नहीं हो रही है. दूसरी ओर मजदूरों को भी कंपनी की ओर से धमकाया जा रहा है. उनका कहना है कि इतने दिनों के बाद भी जब न्याय नहीं मिल रहा है तो अब वह प्रशासन से चाहते हैं कि उन्हें भूख हड़ताल पर बैठने की अनुमति दी जाए