ग्वालियर: महाविद्यालयीन परीक्षाओं में नकल की प्रवृत्ति को सख्ती से रोका जायेगा। परीक्षाओं को पूरी तरह नकल रहित बनाने के लिये उच्च शिक्षा विभाग नीतिगत निर्णय लेने जा रहा है। जिसके तहत नकल रोकने के उपायों के साथ-साथ महाविद्यालयीन प्राचार्यों व शिक्षकों की सुरक्षा का भी पूरा ध्यान रखा जायेगा। यह बात उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा एवं आयुष मंत्री श्री इन्दर सिंह परमार ने कही। श्री परमार ग्वालियर एवं चंबल संभाग के शासकीय महाविद्यालयों के प्राचार्यों की बैठक में उच्च शिक्षा विभाग की गतिविधियों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि शिक्षा केवल डॉक्टर, इंजीनियर व विषय विशेषज्ञ बनाने तक ही सीमित न हो। शिक्षकों के प्रयास ऐसे हों कि विद्यार्थी श्रेष्ठ नागरिक बनें और उनके पास समाज के प्रश्नों और समस्याओं का समाधान भी हो।
जीवाजी विश्वविद्यालय के सभागार में आयोजित हुई संभागीय समीक्षा बैठक में प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा अनुपम राजन, विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो. अविनाश तिवारी, कुल सचिव अरुण चौहान व अतिरिक्त संचालक उच्च शिक्षा प्रो. कुमार रत्नम सहित अन्य संबंधित अधिकारी एवं दोनों संभागों के शासकीय महाविद्यालयों के प्राचार्य मौजूद थे।बैठक में स्नातक द्वितीय व तृतीय वर्ष एवं स्नातकोत्तर विद्यार्थियों का अगले सेमेस्टर में प्रमोशन, सीएम हैल्पलाइन, विभागीय जाँचों की स्थिति, न्यायालयीन प्रकरणों में जवाब प्रस्तुत करने की स्थिति, गाँव की बेटी व प्रतिभा किरण सहित अन्य छात्रवृत्ति वितरण, नए महाविद्यालयों की व्यवस्थायें, महाविद्यालयों में अधोसंरचना के लिये उपलब्ध कराए गए बजट का उपयोग व भारतीय ज्ञान परंपरा प्रकोष्ठ की गतिविधियां सहित उच्च शिक्षा विभाग की अन्य गतिविधियों की समीक्षा की गई। सभी प्राचार्यों को बैठक में निर्देश दिए गए कि सेवानिवृत्त कर्मचारियों के पेंशन व अन्य स्वत्वों के निराकरण में कदापि देरी न हो