निर्माण में कुष्ठ रोगियों की बाधा
100 साल पुराने ब्रिज के स्थान पर नया ब्रिज बनाने में नाकाम, अब आड़े आ गए गरीबों के मकान
विस्थापन से लेकर मुआवजे की दरकार, सिंहस्थ से पहले निर्णय लेगी सरकार
उज्जैन: अंग्रेजों के जमाने में बने 100 साल से भी पुराने फ्रीगंज ओवर ब्रिज के समीप समांतर ब्रिज बनाने की मांग पिछले दो सिंहस्थ से की जा रही है, अब बढ़ते ट्रैफिक और देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं के साथ ही महाकुंभ के तहत ब्रिज की नई शाखा बनाना बेहद जरूरी हो गया है. इसके निर्माण में तमाम तरह की बाधाए आ रही है. सरकार सिंहस्थ से पहले अब इस फ्रीगंज ब्रिज का नया निर्माण करना चाहती है.
फ्रीगंज ब्रिज के समानांतर नया ब्रिज बनाने की तैयारी अब प्रारंभ हो गई है. लोक निर्माण विभाग, सेतु निगम, जिला प्रशासन, नगर निगम सभी एक्टिव मोड में है और साइट क्लियर करने के लिए किन बाधाओं को हटाना जरूरी है इसके लिए सर्वे भी किया जा रहा है. इसी के मद्देनजर जब कुष्ठ रोगियों की बस्ती अधिकारियों के सामने आई तो चर्चा शुरू हो गई कि यह कुष्ठ रोगियों के कच्चे मकान भी हटाए जाएंगे यही कारण है कि गरीबों की कुष्ठ रोग की बस्ती में हड़कंप मच गया.
हम नहीं हटेंगे 90 साल से रहते हैं
नवभारत से चर्चा में कुष्ठ रोगी बस्ती में रहने वाली कंचन ने बताया कि वह फ्रीगंज ब्रिज के नीचे रहती है और कुष्ठ रोग बस्ती की अध्यक्ष है. 90 साल से कुष्ठ रोगी परिवार यहां रहते आए हैं ,ऐसे में अब ब्रिज निर्माण के तहत यदि हमें हटाया जाता है तो नए मकान और मुआवजा हमें चाहिए.
जगह छोड़ना नहीं चाहते कुष्ठ रोगी
कुष्ठ रोगियों की बस्ती में शहर भर की समाजसेवी संस्थाओं से लेकर नागरिकों, जनप्रतिनिधियों द्वारा आर्थिक मदद से लेकर खान-पान की मदद पहुंचाई जाती है, कुष्ठ रोगियों को रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन और शहर की सभी सुविधाएं पास पड़ती है ,ऐसे में वह अपनी यह पैतृक जमीन छोड़ने को तैयार नहीं है.
100 मकान में 300 लोग
नवभारत द्वारा कुष्ठ रोगियों की बस्ती में जाकर जब पड़ताल की गई तो वहां के लोगों ने बताया कि कई परिवार ऐसे हैं जो भिक्षा मांग कर अपना घर चलाते हैं, ऐसे में चामुंडा माता मंदिर, फ्रीगंज और रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन हमारे घर से नजदीक है नया फ्री गंज ब्रिज बना रहे हैं तो पहले हमें यही आसपास नए मकान दिए जाएं और मुआवजा भी दिया जाए तभी हम हटेंगे वरना यही डटे रहेंगे.
नोटिस भी बांट रहे
इधर नए ब्रिज के निर्माण को लेकर अधिकारी आए दिन मौका मुआयना कर रहे हैं. कुष्ठ रोगियों की बस्ती से सटी हुई एक और बिल्डिंग है जिसका नाम विनोदालय है. यहां पर विनोद मिल के अधिकारी कर्मचारी मजदूर लोग निवास करते थे, विनोद मिल तो बंद हो गई और उसकी जमीन भी नीलाम कर दी गई, मजदूरों का बकाया भुगतान भी कर दिया गया. अब विनोदालय में रहने वाले लोग कौन है और वह क्यों खाली नहीं कर रहे हैं इसको लेकर नोटिस जारी कर दिए गए और भवन खाली करने के आदेश दे दिए हैं. विनोदालय को नोटिस मिलने से कुष्ठ रोगियों की बस्ती में भी सन्नाटा पसरा है.
हम मोर्चा खोलेंगे
हमारा परिवार, हमारे बुजुर्ग 90 साल से यहां पर निवास करते आए हैं. कुष्ठ रोगियों के लिए सरकार भी मदद करती है. आवास और आर्थिक मदद देने के वादे सभी ने किए हैं. ऐसे में हमें यहां से कोई नहीं हटा सकता, फ्रीगंज ब्रिज का निर्माण करना है तो जरूर करें लेकिन हमें नया स्थान नया मकान और आर्थिक मुआवजा भी दे वरना हम मोर्चा खोलेंगे.
– कंचन – अध्यक्ष कुष्ठ रोगी बस्ती , उज्जैन