भोपाल, 22 नवंबर (वार्ता) मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के निर्देश पर क्षेत्र संचालक संजय टाइगर रिज़र्व के नेतृत्व में अधिकारियों की 18 सदस्यीय टीम तमिलनाडु में मानव हाथी संघर्ष प्रबंधन अध्ययन दौरे पर तीसरे दिन टीम ने अन्नामलाई टाइगर रिजर्व का भ्रमण किया।
अन्नामलाई के डीएफओ ने वालपराई क्षेत्र में मानव-हाथी संघर्ष के प्रबंधन और इसे कम करने के तरीकों पर एक विस्तृत प्रेजेंटेशन दिया।
आधकारिक जानकारी में अन्नामलाई के डीएफओ ने बताया कि पहाड़ी इलाकों और चाय बागानों की बहुलता वाले क्षेत्र में अनूठी चुनौतियां है, जिसमें संघर्ष की प्रकृति अन्य क्षेत्रों से भिन्न है। संघर्ष प्रबंधन रणनीतियों को विकसित करने में इलाके की जानकारी और हाथी का व्यवहार महत्वपूर्ण कारक है। वालपराई में इसके लिये जीएसएम-आधारित उन्नत अलर्ट सिस्टम, एनाइडर तकनीक और सौर फेन्स की एक संयोजित तकनीक उपयोग की जाती है। अन्नामलाई टाइगर रिजर्व ने हाँका न लगाने की नीति को अपनाया है और इन उपायों के माध्यम से पिछले 2 वर्षो में हाथियों से संबंधित मृत्यु को शून्य कर दिया गया है।
अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य जीव) ने बताया कि अध्ययन दल ने अन्नामलाई टाइगर रिजर्व के पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. विजय राघवन के साथ बातचीत की। श्री राघवन ने बचाव उपकरणों और वाहनों का प्रदर्शन किया। उन्होंने मानव-हाथी संघर्ष से निपटने के लिये इस्तेमाल की जाने वाली विधियों और हाथी नियंत्रण कक्ष के संचालन के बारे में जानकारी साझा की।