भारतीय ज्ञान परंपरा से संबधित गतिविधियों का महाविद्यालय पानसेमल में हुआ आयोजन।

पानसेमल।श्री अटल बिहारी वाजपेयी शासकीय महाविद्यालय पानसेमल में म.प्र. शासन उच्च शिक्षा विभाग के आदेशानुसार भारतीय ज्ञान परंपरा से संबधित गतिविधियों का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की संस्था के प्राचार्य डॉ बी एस मुझाल्दा ने कहा कि आज का युग विज्ञान का युग है आज की युवा पीढ़ी हमारी भारतीय परंपराओं को भूलते जा रही है जिसे संरक्षित करना हम सबका दायित्व है। भारतीय ज्ञान परंपरा बहुत प्राचीन परंपरा है और विविधतापूर्ण इतिहास रखती हैं भारतीय परंपरा सिर्फ भारत की सीमाओं तक ही सीमित नही रही बल्कि विश्व के विभिन्न हिस्सों में इनका प्रभाव देखने को मिलता है। प्रशासनिक अधिकारी डॉ सुनील बागले ने कहा भारतीय ज्ञान परंपरा की आरंभ वेदो से माना गया। जिनमे ज्ञान के कई आयामों जैसे योग आयुर्वेद चिकित्सा गणित ज्योतिष उपनिषद वेद का वर्णन मिलता है। भारतीय परंपरा में हमारी संस्कृति अनेकता में एकता प्रकट करने वाली है।भारतीय ज्ञान परंपरा प्रकोष्ठ प्रभारी डॉ. मंजुला चौहान ने बताया भाषण प्रतियोगिता का विषय भारतीय ज्ञान परंपरा के विविध आयाम पर विद्यार्थियों ने भागीदारी की जिसमे प्रथम अभिषेक जाधव द्वितीय मयूरी पाटिल व अर्जुन सोलंकी ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। निबन्ध प्रतियोगिता का विषय नई शिक्षा नीति में भारतीय ज्ञान परंपरा का महत्व रखा गया जिसमे प्रथम रवीन आर्य द्वितीय उर्मिला डावर रंजना जाधव व अर्जुन सोलंकी ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। पोस्टर प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर लता गिरासे रोशनी आर्य ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया। प्रश्नमंच प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर कविता अहिरे द्वितीय रिक्षिता भण्डारी व तृतीय स्थान पर कृष्णा डुडवे व लता गिरासे रहे। कार्यक्रम में डॉ. रविन्द्र पवार डॉ. आकाश गाडगे डॉ आशा चौहान व छात्र छात्राएं उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन डॉ.मंजुला चौहान ने किया।

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