बाकू, 21 नवंबर (वार्ता) बाकू में चल रहे संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन शिखर सम्मेलन (कॉप 29) में वैश्विक कार्बन बजट (जीसीबी) ने इस साल कार्बन डाइऑक्साइड (सीओ2) उत्सर्जन में वृद्धि के बारे में आशंका जताई है जबकि देश जलवायु परिवर्तन के प्रभाव से निपटने के लिए धन के लिए बातचीत कर रहे हैं।
जीसीबी ने अनुमान लगाया है कि 2024 में सीओ2 उत्सर्जन 41.6 अरब टन होगा जो पिछले साल के 40.6 अरब टन के आंकड़े से अधिक है। इसमें जीवाश्म ईंधन से 37.4 अरब टन सीओ 2 उत्सर्जन और बाकी भूमि-उपयोग परिवर्तन (वनों की कटाई) से होने वाला उत्सर्जन शामिल है। वर्तमान में हर साल 40 अरब टन से अधिक उत्सर्जन के साथ, वायुमंडल में सीओ2 का स्तर बढ़ता जा रहा है और ग्लोबल वार्मिंग में और योगदान दे रहा है।
विश्व मौसम विज्ञान संगठन (डब्ल्यूएमओ) के नवीनतम अपडेट ने संकेत दिया कि 2024 सबसे गर्म वर्ष होगा जिसमें तापमान पूर्व-औद्योगिक युग से 1.5 डिग्री सेल्सियस अधिक होगा। डब्ल्यूएमओ ने वैश्विक जलवायु प्रणाली की स्थिति के बारे में चिंता व्यक्त की जिसमें 2023 में रिकॉर्ड-उच्च वायुमंडलीय ग्रीनहाउस गैस सांद्रता देखी जा रही है और 2024 रिकॉर्ड पर सबसे गर्म वर्ष होने की राह पर है।
इस बीच 30 से अधिक देशों ने जैविक कचरे से मीथेन को कम करने पर कॉप29 घोषणा का समर्थन किया है जिसमें जैविक कचरे से मीथेन के 10 सबसे बड़े उत्सर्जकों में से आठ शामिल हैं। देशों ने जल्द ही खाद्य अपशिष्ट पर क्षेत्रीय लक्ष्य निर्धारित करने के लिए प्रतिबद्धता जताई है।
सम्मेलन के दौरान शुक्रवार को अमेरिका, जर्मनी, ब्रिटेन और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) जैसे देशों ने घोषणा का समर्थन किया। यह कॉप28 के अध्यक्ष द्वारा तेल और गैस डीकार्बोनाइजेशन चार्टर लॉन्च करने के बाद आया है जिस पर पिछले साल दुबई में लगभग शून्य अपस्ट्रीम मीथेन उत्सर्जन प्राप्त करने के लिए 50 उद्योगों द्वारा हस्ताक्षर किए गए थे।
अमेरिका के जलवायु के लिए उप विशेष दूत रिक ड्यूक ने दिन में पहले आयोजित अध्यक्षीय कार्यक्रम में कहा, ‘कॉप28 ने जीवाश्म ईंधन क्षेत्र से मीथेन उत्सर्जन पर ध्यान केंद्रित किया और कॉप29 अपशिष्ट पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।’
मीथेन पूर्व-औद्योगिक युग से लेकर अब तक हुई शुद्ध गर्मी के एक तिहाई के लिए जिम्मेदार है। अपशिष्ट क्षेत्र मीथेन तब छोड़ता है जब जैविक अपशिष्ट भोजन और यार्ड अपशिष्ट, कागज, कार्डबोर्ड, लकड़ी और शारीरिक अपशिष्ट दुनिया भर में लैंडफिल, डंपसाइट और अपशिष्ट जल सुविधाओं में पाए जाने वाले ऑक्सीजन-मुक्त वातावरण में विघटित होते हैं। अपशिष्ट क्षेत्र मानवजनित मीथेन उत्सर्जन में लगभग 20 प्रतिशत का योगदान देता है।