सुनवाई का मौका देकर अतिक्रमण पर करें कार्रवाई

हाईकोर्ट ने दिये निर्देश

जबलपुर। मप्र हाई कोर्ट ने एक मामले में कहा है कि अपीलार्थियों को सुनवाई का मौका देते हुए अतिक्रमण के मामले में उचित कार्रवाई करें। जस्टिस संजीव सचदेवा व जस्टिस विनय सराफ की युगलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया है कि अतिक्रमण की सही तथ्यात्मक स्थिति का जायजा लेने के बाद कार्रवाई करें।

दरअसल यह मामला रीवा निवासी रामदुलारे सोनी व अन्य की ओर से दायर किया गया है। जिसमें कहा गया कि वर्ष 2007 में बृजेन्द्र नाथ ने एक याचिका दायर कर आरोप लगाया था कि अपीलार्थियों ने लीज की शासकीय जमीन पर अवैध कब्जा करके दुकानें बनाई हैं। लीज समाप्त होने के बाद भी कब्जा नहीं छोड़ रहे हैं। वर्ष 2008 में एकलपीठ ने सुनवाई के बाद शासन को उचित कार्रवाई करने कहा था। इसी बीच अवमानना याचिका लंबित रहने के दौरान तहसीलदार की ओर से रिपोर्ट पेश कर बताया गया कि उक्त सभी अतिक्रमणकारी हैं। एकलपीठ के आदेश के खिलाफ रामदुलारे सहित 20 लोगों ने अपील पेश कर कहा कि उन्होंने अतिक्रमण नहीं किया है। लीज समाप्त होने पर उन्होंने रिन्युअल के लिए आवेदन दिया है। अपीलार्थियों को आशंका है कि उन्हें सुनवाई का मौका दिए बिना उनके कब्जे हटा दिए जाएंगे। युगलपीठ ने कहा कि एकलपीठ ने भी अपीलार्थियों के सभी अधिकारों को सुरक्षित रखते हुए उक्त निर्देश जारी किये।

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