आदिवासी संसदीय क्षेत्र में भाजपा के समक्ष कठिन चुनौती प्रस्तुत कर रही है कांग्रेस
मिलिंद मुजुमदार
इंदौर: मालवा और निमाड़ दोनों अंचलों के अंतर्गत आने वाली आदिवासी सुरक्षित सीट धार पर कांग्रेस बीजेपी को कड़ी चुनौती दे रही है। कांग्रेस ने यहां युवा प्रत्याशी राधेश्याम मुवेल को खड़ा किया है जबकि भाजपा ने 2014 में सांसद रह चुकी सावित्री ठाकुर को टिकट दिया है। पिछली बार भाजपा की ओर से छतर सिंह दरबार चुनाव लड़े थे जिनका टिकट काट दिया गया है। धार संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली आठ विधानसभा सीटों में से पांच पर कांग्रेस का और तीन पर भाजपा का कब्जा है। भाजपा ने महू, धार और धरमपुरी की सीट जीती है। जबकि कांग्रेस ने सरदारपुर, कुक्षी, मनावर, बदनावर और गंधवानी की सीटों पर जीत दर्ज की है। विधानसभा चुनाव के बढ़त के आधार पर यदि विश्लेषण किया जाए तो कांग्रेस को धार संसदीय क्षेत्र में विधानसभा चुनाव के दौरान करीब 15000 मतों की लीड है, लेकिन विधानसभा और लोकसभा के चुनाव में यहां मतदान का अलग-अलग ट्रेंड रहता है। इस बार ऐतिहासिक भोजशाला के सर्वेक्षण का मुद्दा भी चुनाव में छाया हुआ है। फिलहाल यहां चुनाव प्रचार अभियान धीमा है क्योंकि मतदान 13 मई को होना है।
धार लोकसभा सीट पर इसके गठन के बाद से कांग्रेस और बीजेपी दोनों पार्टियों का बर्चस्व बना रहा है।यहां पर इन दो पार्टियों के अलावा किसी भी तीसरी पार्टी का वोटबैंक नहीं है।धार लोकसभा सीट में धार जिला और कुछ इंदौर जिले की जगहें भी शामिल हैं। 1962 में इस लोकसभा सीट का अस्तित्व सामने आया था। धार लोकसभा सीट आदिवासी कैंडीडेट के लिए रिजर्व है।पूरी लोकसभा में करीब 12 लाख वोटर्स हैं, वहीं अगर विधानसभा की बात की जाए तो इस लोकसभा सीट में 8 विधानसभाएं हैं। इन विधानसभाओं में सरदारपुर, गंधवानी, कुक्षी, मनावर, धरमपुरी, धार, बदनावर और डॉ अंबेडकर नगर यानी महू शामिल है। विंध्याचल पहाडिय़ों से और नर्मदा के तटों से घिरी इस लोकसभा सीट का ऐतिहासिक महत्व भी है।भले ही यह सीट इंदौर से सटी हुई होने बावजूद इसके यहां पर इंदौर की राजनीति का बहुत ज्यादा असर दिखाई नहीं देता है।
राजनीतिक वर्चस्व
इस लोकसभा सीट के गठन के बाद से ही यहां पर किसी एक पार्टी का एकछत्र राज नहीं रहा है। समय-समय पर यहां की जनता ने अपने पसंदीदा कैंडिडेट को चुना है और विपक्षी पार्टी को हार का सामना करना पड़ा है। 2014 और 2019 के चुनाव की बात की जाए तो यहां पर बीजेपी से सावित्री ठाकुर और छत्तर सिंह दरबार ने जीत दर्ज की है।2019 के लोकसभा चुनाव में इस सीट पर छत्तर सिंह दरबार ने कांग्रेस के गिरवाल दिनेश को करीब डेढ़ लाख वोटों के अंतर से हराया था।
अनेक ऐतिहासिक धरोहर यहां स्थित है
ऐतिहासिक धरोहरों की बात की जाए तो यहां पर धार किला और भोजशाला मंदिर स्थित है। धार किला एक ओर समृद्ध इतिहास का प्रतीक है तो वहीं भोजशाला मंदिर शिक्षा की देवी मां सरस्वती की उपासना का प्रतीक है।परमार राजा भोज पर इस भोजशाला का नाम पड़ा है। यहां हर बसंत पंचमी पर भव्य आयोजन किया जाता है। इतिहास में जिक्र है कि मालवा क्षेत्र की राजधानी के तौर पर इस शहर की साख थी। ऐतिहासिक मांडू भी इसी संसदीय क्षेत्र का हिस्सा है।
भोजशाला विवाद
कोर्ट के आदेश से ऐतिहासिक भोजशाला में एएसआई भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग द्वारा सर्वे किया जा रहा है।
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने 11 मार्च को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को छह सप्ताह के भीतर परिसर का ‘वैज्ञानिक सर्वेक्षण’ करने का निर्देश दिया था।इस परिसर को हिंदू पक्ष ने देवी वाग्देवी का मंदिर बताया है. वहीं मुस्लिम पक्ष ने कमल मौला मस्जिद होने का दावा किया है। इस परिसर में एएसआई ने 22 मार्च को सर्वेक्षण शुरू किया था.बता दें कि 7 अप्रैल 2003 के एएसआई के आदेश के अनुसार, हिंदुओं को हर मंगलवार को भोजशाला परिसर के अंदर पूजा करने की अनुमति है, जबकि मुसलमानों को शुक्रवार को यहां नमाज अदा करने की अनुमति है। ऐसा माना जाता है कि एक हिंदू राजा राजा भोज ने 1034 ई. में भोजशाला में वाग्देवी की मूर्ति स्थापित की थी. हिंदू संगठनों का कहना है कि अंग्रेज इस मूर्ति को साल 1875 में लंदन ले गए थे।
संसदीय इतिहास
1962, 1967, 1971, 1977 भरत सिंह चौहान (भारतीय जनसंघ और जनता पार्टी)
1980 फ़तेहभानुसिंह कांग्रेस
1984 प्रतापसिंह बघेल कांग्रेस
1989 , 1991 सूरजभानु सोलंकी कांग्रेस
1996 छतर सिंह दरबार भाजपा
1998 गजेंद्र सिंह राजूखेड़ी कांग्रेस
1999,2004 छतर सिंह दरबार भाजपा
2009 गजेंद्र सिंह राजूखेड़ी कांग्रेस
2014 सवित्री ठाकुर भाजपा
2019 छतर सिंह दरबार भाजपा