० करोड़ों के गुणवत्ताविहीन कार्यों एवं अनियमितता की जांच में फंसे निलंबित अधिकारियों के सागिर्द कर्मचारियों की प्रभारी ईई ने बंद करा दी अवैध कमाई
नवभारत न्यूज
सीधी 17 नवम्बर। आरईएस के भ्रष्ट अधिकारी-कर्मचारी प्रभारी ईई को हटाने की साजिश रच रहे हैं। करोड़ों के गुणवत्ताविहीन कार्यों एवं अनियमितता की जांच में फंसे निलंबित अधिकारियों को सार्गिद कर्मचारियों की प्रभारी ईई ने अवैध कमाई बंद करा दी है।
बताते चलें कि आरईएस सीधी के पूर्व ईई हिमांशु तिवारी द्वारा अपने कार्यकाल के दौरान सरकारी बजट का दुरूपयोग करने की खुली छूट दिये हुये थे। उनके चहेते अधिकारी-कर्मचारी एवं संविदाकारों द्वारा मनमानी के सभी कीर्तिमानों को तोड़ दिया गया था। सडक़, भवन एवं पुल-पुलियों का ऐसा निर्माण कार्य कराने की होड़ मची हुई थी जो बनने के साथ ही जर्जर होना शुरू हो जाते थे। हर महीने करोड़ों का भुगतान ऐसे कार्यों के लिये हो रहा था जो मौके पर आधे-अधूरे पड़े हुये थे। जानकारों के अनुसार पूर्व ईई के करीब 4 वर्षों के कार्यकाल में यह मनमानी आरंभ में सुदूर क्षेत्र में चल रही थी, बाद में सियासी संरक्षण मिलने के बाद यह सभी जगहों में शुरू कर दिया गया था। आरईएस अपने गुणवत्ताविहीन एवं नये निर्माण कार्यों के जर्जर होने को लेकर लगातार बदनाम हो रहा था। इसकी गूंज प्रदेश विधानसभा में होने के साथ ही मुख्यमंत्री के पास भी पहुंची। जिसके बाद जांच टीम गठित हुआ, जांच टीम को अपने निरीक्षण के दौरान निर्माण कार्य में भारी अनियमितताएं मिलने पर प्रथम दृष्टया तत्कालीन ईई हिमांशु तिवारी के साथ ही उनके चहेते प्रभारी एसडीओ को भी निलंबित कर दिया गया। आरईएस सीधी का प्रभार सिंगरौली के ईई मनोज कुमार बाथम को सौंपा गया। श्री बाथम द्वारा पूर्व में हुये निर्माण कार्यों में व्यापक भ्रष्टाचार एवं अनियमितताओं के चलते आरंभ से ही सख्ती कर दी। लिहाजा विभाग के अधिकारियों, कर्मचारियों के साथ ही चहेते ठेकेदारों की अवैध कमाई बंद हो गई। सख्ती के चलते आरईएस में हडक़म्प मचा हुआ है।
करोड़ों के गुणवत्ताविहीन कार्यों एवं अनियमितता की जांच में फंसे अधिकारियों के चहेते कर्मचारियों एवं ठेकेदारों द्वारा अब उच्च स्तरीय प्रयास किया जा रहा है कि आरईएस सीधी के प्रभारी ईई मनोज कुमार बाथम की बजाय सीधी ईई का प्रभार स्थानीय स्तर पर ही एसडीओ को मिल जाय। इसके लिये राजधानी स्तर पर दबाव बनाने का काम किया जा रहा है। यदि इनका प्रयास सफल होता है तो पूर्व में जिस तरह से आरईएस के कार्यों में मनमानी चल रही थी उसका दौर फिर से लौट आयेगा। वर्तमान में आरईएस के कार्यों में गुणवत्ता की शिकायत मिलने पर उसकी जांच हो रही है। साथ ही जिन निर्माण कार्यों में ज्यादा मनमानी एवं अनियमितताएं सामने आ रही हैं उनका भुगतान भी रोका जा रहा है। भुगतान रूकने से ही सबसे ज्यादा हडक़म्प मचा हुआ है, जो ठेकेदार आरईएस के कार्यों को लेने के बाद घटिया काम कराते थे और एक ही झटके में लाखों कमा रहे थे अब वह नये हथकंड़े अपनाने में जुटे हुये हैं।
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प्रभारी ईई ने रोकें गुणवत्ताविहीन निर्माण कार्यों के भुगतान
आरईएस विभाग सीधी के प्रभारी ईई मनोज कुमार बाथम ने गुणवत्ताविहीन निर्माण कार्यों की मिल रही शिकायतों के बाद भुगतान रोक दिया है। जानकारों के अनुसार कुछ ठेकेदारों द्वारा पूर्व ईई के कार्यकाल में मिली छूट के अनुसार निर्माण कार्यों की गुणवत्ता को तबज्जो नहीं दी गई थी। ऐसे निर्माण कार्यों से उनका वजूद भी जल्द ही खतरे में पड़ जायेगा, इसी वजह से प्रभारी ईई द्वारा भुगतान को रोक दिया गया है।
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प्रभारी एसडीओ सीधी को ईई का प्रभार दिलाने हो रहे प्रयास
आरईएस सीधी के प्रभारी ईई मनोज कुमार बाथम नियमों को लेकर काफी सख्त तेवर अपनाये हुये हैं। उनकी सख्ती विभाग के कुछ कर्मचारियों के साथ ही ठेकेदारों को भी काफी खल रही है। सूत्रों के अनुसार इसी वजह से प्रभारी एसडीओ सीधी अंकित रस्तोगी को ईई का प्रभार दिलाने के उच्च स्तरीय प्रयास शुरू हो गये हैं। ऐसे लोगों की मंशा है कि प्रभारी ईई के हटने के बाद उन्हें पूर्व की तरह मनमानी करने की खुली छूट मिल जाय।
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अग्निकांड में फंसे संविदा डाटा एंटी आपरेटर द्वारा रची जा रही साजिश!
आरईएस विभाग सीधी में करोड़ों के गुणवत्ता विहीन कार्यों एवं अनियमितता की जांच में फंसे निलंबित अधिकारियों में तत्कालीन प्रभारी कार्यपालन यंत्री हिमांशु तिवारी एवं तत्कालीन एसडीओ मझौली ए.के.द्विवेदी के कारनामों की प्रमुख कड़ी रहे सागिर्द संविदा डाटा एंट्री ऑपरेटर एवं तत्कालीन प्रभारी लेखापाल नीलेश पाण्डेय को सीईओ जिला पंचायत सीधी अंशुमान राज के निर्देश पर तत्काल कार्यवाही करते हुए प्रभारी ईई मनोज कुमार बाथम ने प्रभारी लेखापाल सहित समस्त प्रभार से मुक्त कर दिया गया था। तभी से संविदा डाटा एंट्री ऑपरेटर प्रभारी ईई को हटाने अपने भ्रष्ट आकाओं के इशारे पर कुछ राजनैतिक पहुंच वाले विभागीय संविदाकारों के माध्यम से रची जा रही साजिश में विभाग के प्रमुख पद के दायित्व में आज भी बैठे कुछ कर्मचारियों की मदद से साजिश रच रहे हैं।
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