निर्माण कार्य के चलते पुराना ब्रिज पड़ा बंद
जबलपुर। भारत का पहला पिंक रेलवे स्टेशन मदन महल जो पश्चिम मध्य रेल मुख्यालय से कुछ ही दूरी पर स्थित है, इस स्टेशन पर रेलवे प्रशासन द्वारा 40 से 45 करोड़ रुपए खर्च करके यात्री सुविधाओं के संसाधन जुटाए गए थे। जिनमें एक अतिरिक्त प्लेटफॉर्म निर्माण, प्लेटफॉर्म क्रमांक 2 के जबलपुर छोर की ओर 180 मीटर का विस्तार और सभी प्लेटफॉर्मों पर कवर शेड का निर्माण तथा दोनों ओर स्टेशन भवन और नए एफओबी का निर्माण जैसी व्यवस्थाओं के साथ नई पार्किंग, आरपीएफ बैरक और बुकिंग बिल्डिंग का निर्माण कराया गया था। लेकिन इनमें से अधिकांश तो यात्रियों के लिए उपयोगी साबित नहीं हो पा रही हैं। लंबा समय बीत जाने के बाद भी नई बिल्डिंग में बुकिंग का कार्य प्रारंभ नहीं हो सका है। इसके अलावा फुटओवर ब्रिज इतना लंबा बना दिया गया है कि उससे यात्रियों का सफर दुखदायी साबित हो रहा है। यात्रियों द्वारा अनेक बार रेल प्रशासन से शिकायत भी की गई मगर कोई समाधान नहीं निकल पाया है।
लंबा है फुटओवर ब्रिज
स्टेशन के अंदर और बाहर जाने के लिए बनाया गया फुट ओवर ब्रिज की लंबाई अधिक होने से यात्रियों की परेशानी बढ़ गई है। रेलवे द्वारा यात्री सुविधा के नाम पर एफओबी का निर्माण कराया गया है, लेकिन यात्रियों की मुसीबतें कम करने की बजाय इस ब्रिज ने उनकी समस्या और बढ़ा दी है। इसकी लंबाई अधिक होने के कारण यह ब्रिज दुखदायी साबित हो रहा है। वहीं इसके प्रवेश द्वार में अतिक्रमण और गंदगी पसरी रहती है। जिससे यात्रियों को काफी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। फिलहाल पुराने फुटओवर ब्रिज को केबल स्टे ब्रिज निर्माण कार्य के चलते बंद कर दिया गया है।
इनका कहना है
शीघ्र ही केबल स्टे ब्रिज का निर्माण कार्य पूरा होने के बाद मदन महल स्टेशन पर बने एफओबी के सामने से अतिक्रमण हटाया जाएगा। यात्रियों को हो रही है असुविधा का हल निकाला जाएगा।
डॉ. मधुर वर्मा, सीनियर डीसीएम, पमरे