लोकसभा चुनाव में भितरघातियों से घिरे प्रत्याशी

भाजपा-कांंग्रेस में दिख रहा ज्यादा खतरा, मतों का विभाजन रोकने बढ़ी सक्रियता

सीधी : लोकसभा चुनाव में प्रचार की सरगर्मी तेज होते ही भितरघात का खतरा भी प्रत्याशियों के समक्ष कई क्षेत्रों में खड़े होने की चर्चाएं तेज हैं। भाजपा-कांग्रेस में यह खतरा कुछ ज्यादा ही माना जा रहा है। हालांकि दोनो ही पार्टियों की ओर से मतों का विभाजन रोकने के लिये सक्रियता तेज हो गई है।राजनैतिक जानकारों का कहना है कि भाजपा-कांग्रेस में टिकट वितरण के बाद से बने नए समीकरण के चलते भितरघात का सबसे बड़ा खतरा बना हुआ है। आठों विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा एवं कांग्रेस प्रत्याशियों का वोट कटाने के लिए पार्टी के ही कुछ लोग अंदर से सक्रिय हैं। उनके द्वारा पार्टी में शामिल रहकर भी अंदर से अन्य प्रत्याशी का समर्थन करने की रणनीति बनाने की खबरें सुर्खियों में बनी हुई हैं। इसको लेकर पार्टी के अंदर भी हलचलें तेज हैं।

पार्टी के बड़े नेताओं द्वारा भितरघात के खतरे को भांपते हुए इसको कम करने का प्रयास किया जा रहा है। उनका यह प्रयास अंतिम समय में कितना सार्थक होगा यह तो आने वाला समय ही बताएगा। मालूम रहे कि लोकसभा चुनाव के लिए लोकसभा क्षेत्र सीधी में 19 अप्रैल को मतदान है। इस वजह से चुनाव मैदान में उतरने वाले सभी प्रत्याशी अपनी जीत को सुनिश्चित करने के लिए प्रयास तेज कर रहे हैं। चुनाव प्रचार के दौरान सबसे ज्यादा सक्रिय पार्टी के कार्यकर्ता भी हो रहे हैं। उनके द्वारा अपने प्रत्याशी के समर्थन में हर क्षेत्र में मोर्चा संभाला गया है। प्रत्याशियों द्वारा आरंभ से ही प्रतिदिन अलग-अलग क्षेत्रों में जन संपर्क के साथ नुक्कड़ सभाएं भी शुरू कर दी गई हैं। इस दौरान प्रत्याशियों द्वारा अपने पक्ष में ज्यादा से ज्यादा मतदाताओं को रिझाने के लिए अपनी प्राथमिकताओं की जानकारी दी जा रही है।

साथ ही पार्टी के चुनाव में किए जा रहे वायदों पर भी विस्तार से चर्चा की जा रही है। सत्ता पक्ष भाजपा के प्रत्याशी जहां चुनाव प्रचार के दौरान अपनी सरकार की उपलब्धियां गिना रहे हैं। वहीं कांग्रेस की ओर से भाजपा सरकार की नाकामियों के साथ ही अन्य कमियों पर भी लोगों को बताया जा रहा है। राजनैतिक जानकारों का मानना है कि लोकसभा क्षेत्र सीधी के सीधी जिले की विधानसभा क्षेत्र सीधी, चुरहट, सिहावल, धौहनी एवं सिंगरौली जिले के सिंगरौली, चितरंगी, देवसर एवं शहडोल जिले के ब्यौहारी विधानसभा क्षेत्र में भाजपा-कांग्रेस का चुनाव प्रचार अब तेजी के साथ नजर आने लगा है। यह दीगर बात है कि चुनाव के अंतिम समय में ही अधिकांश मतदाता किसको वोट देना है इसका निर्णय लेते हैं। मतदाता अंतिम समय में अपना निर्णय समीकरण को देखते हुए बदल भी देते हैं। वहीं राजनैतिक जानकारों की मानें तो उनका कहना है कि भाजपा-कांग्रेस के समीकरण को कई स्थानों पर गोंगपा तेजी के साथ बिगाड़ती भी नजर आ रही है। हालांकि यह काफी प्रारंभिक आंकलन है। गोंगपा का प्रचार-भी तेजी के साथ शुरू हो चुका है। अभी प्रत्याशियों के पास एक सप्ताह से ज्यादा का समय है। इस वजह से उनके द्वारा चुनाव प्रचार को लेकर भी अपनी रणनीति तय की जा रही है।

चुनावी प्रचार में भारी पड़ रही गर्मी
लोकसभा चुनाव प्रचार का काम सभी प्रत्याशियों द्वारा शुरू कर दिया गया है। वर्तमान में गर्मी का असर भी तेजी के साथ बढ़ता नजर आ रहा है। सुबह 10 बजे के बाद धूप का असर काफी तेज हो जाता है। जिसके चलते प्रत्याशियों के चुनाव प्रचार का काम भी दोपहर के समय ज्यादा प्रभावित हो रहा है। इसी वजह से अधिकांश प्रत्याशी सुबह एवं शाम 4 बजे से चुनाव प्रचार का कार्य ज्यादा कर रहे हैं। अधिकांश प्रत्याशी यह प्रयास कर रहे हैं कि वह ज्यादा से ज्यादा क्षेत्रों में पहुंचकर मतदाताओं से रूबरू हो सकें। मतदाता भी दोपहर में भीषण गर्मी के चलते अपने काम या फिर घर में ही रहने को प्राथमिकता दे रहे हैं। यह जरूर है कि इन दिनों मौसम का मिजाज लगातार बदल रहा है। इस वजह से दोपहर 3 बजे के बाद बादलों के छाने के कारण अधिकांश स्थानों में धूप से राहत भी लोगो को मिल रही है। फिलहाल चर्चा के दौरान भी चुनाव में लगे कुछ कार्यकर्ताओं का कहना था कि लोकसभा का चुनाव भीषण गर्मी में ही संपन्न हो रहा है। इस वजह से निश्चित ही प्रचार-प्रसार का काम ज्यादा तेज नहीं हो पा रहा है।

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