हाईकोर्ट ने आदेश वापस लेने के आवेदन को किया खारिज
जबलपुर। बैंड प्रशिक्षण के लिए पुलिसकर्मियों की सहमति आवश्यक होने के संबंध में हाईकोर्ट ने आदेश को वापस लेने के लिए सरकार ने हाईकोर्ट में आवेदन पेश किया था। हाईकोर्ट जस्टिस विवेक जैन की एकलपीठ ने सुनवाई के बाद सरकार के आवेदन को खारिज कर दिया। एकलपीठ ने सरकार को कानूनी प्रावधान अपनाने की स्वतंत्रता प्रदान की है।
गौरतलब है कि बिना सहमति पुलिस बैंड के प्रशिक्षण में शामिल किये जाने के खिलाफ दस पुलिस कर्मियों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी थी। याचिका की सुनवाई करते हुए जबलपुर मुख्य पीठ की एकलपीठ ने 6 अगस्त 2024 को जारी अपने आदेश में कहा था कि बिना सहमति पुलिस बैंड प्रशिक्षण में कर्मियों की सहमति आवश्यक है। एकलपीठ के उक्त आदेश को वापस लेने सरकार की तरफ से हाईकोर्ट में अपील दायर की गयी थी।
सरकार की तरफ से दायर आवेदन में कहा गया था कि मुख्यपीठ ने इंदौर खंडपीठ द्वारा पारित आदेश का हवाला देते हुए मुख्यपीठ ने उक्त आदेश जारी किये थे। इस संबंध में ग्वालियर खंडपीठ में भी याचिका दायर की गयी थी। ग्वालियर खंडपीठ ने आदेश में कहा था कि पुलिस कर्मियों को पुलिस बैंड में प्रशिक्षण के लिए तैयार किया जा सकता है। इंदौर व ग्वालियर खंडपीठ द्वारा पारित आदेश में अलग-अलग दृष्टिकोण अपनाया है।
एकलपीठ ने सरकार के आवेदन को खारिज करते हुए अपने आदेश में कहा है कि ग्वालियर खंडपीठ में याचिका की सुनवाई के दौरान इंदौर खंडपीठ के आदेश को न्यायालय के समक्ष विचारार्थ नहीं रखा गया था। इसके अलावा याचिकाकर्ता विशेष सशस्त्र बल के सदस्य थे, जिनके पास नियमित पुलिसिंग कर्तव्य नहीं होते हैं। इसके अलावा कानून व्यवस्था कायम रखने और अपराधों की जांच करने के लिए उनके पास नियमित कर्तव्य नहीं होते हैं।