कलेक्टर की सख्ती का कोई असर नही, भू-माफियाओं का तगड़ी पकड से चल रहा खुला खेल
नवभारत न्यूज
झाबुआ। शहरों से लगी ग्राम पंचायत में आदिवासी वर्ग के भूमि धारक द्वारा अपनी भूमि में से ही सबसे ज्यादा कृषि भूखंड अपनी मर्जी अनुसार आदिवासी वर्ग को विक्रय किया जा रहा है जिसमे न तो किसी प्रकार की कोई सुविधा जैसे ना रोड है ना बिजली ना ड्रेनेज सिस्टम ना पानी की सुविधा। वही कई ऐसे भू माफिया है जो कमजोर तबके के लोगों से भूमि क्रय कर टुकड़े-टुकड़े में अवैध कृषि भूखंड विक्रय कर रहे है, जिससे शासन को लाखों रुपए राजस्व का नुकसान हो रहा है और बिना सुविधा की अवैध कॉलोनी का निर्माण जिम्मेदारों के नाक के नीचे हो रहा है, यदि कालोनी बनती है तो कालोनी विकास की अनुमति प्राप्त करना होती है, जिसमें शासन को लाखों रुपए राजस्व का मिलता है, लेकिन इन कागजों को न लेकर पटवारी नक्शे से भूखंड बेचे जाने का खुला खेल चल रहा है।
लोगों ने जताई आशंका
अवैध कृषि भूखंड खरीद कर प्रत्येक भूखंड धारक अपना निजी बोरिंग खनन करवा रहा है, जिसमे एक क्षेत्र में थोड़ी-थोड़ी दूरी पर भी नियमों को ताक में रख अवैध बोरिंग खनन हो रहा है, लोगों ने इस तरह चल रहे खेल को लेकर भविष्य में भूकंप और प्राकृतिक आपदा बढऩे की आशंका भी जताई है।
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