- देश में 1647.05 लाख टन रिकार्ड खाद्यान्न उत्पादन
- चावल, मक्का और मूंगफली का भी रिकार्ड उत्पादन
- चार मुख्य राज्यों के लिए डिजिटल क्राप सर्वे पर आधारित क्षेत्रफल का प्रयोग
- प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में किसान हितैषी नीतियों, किसानों व वैज्ञानिकों की
- मेहनत से कृषि क्षेत्र की निरंतर हो रही हैं प्रगति- कृषि मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान
नई दिल्ली, 5 नवंबर 2024, केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा वर्ष 2024-25 के लिए मुख्य कृषि फसलों (खरीफ) के उत्पादन के प्रथम अग्रिम अनुमान जारी कर दिए गए हैं। प्रथम अग्रिम अनुमान के अनुसार, 2024-25 के दौरान कुल खरीफ खाद्यान्न उत्पादन 1647.05 लाख टन अनुमानित है, जो पिछले वर्ष के खरीफ खाद्यान्न उत्पादन की तुलना में 89.37 लाख टन अधिक एवं औसत खरीफ खाद्यान्न उत्पादन की तुलना में 124.59 लाख टन अधिक है। चावल, ज्वार और मक्का के अच्छे उत्पादन के कारण खाद्यान्न उत्पादन में रिकॉर्ड वृद्धि देखी गई है। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन एवं उनके कुशल व दूरदर्शी नेतृत्व में केंद्र सरकार की किसान हितैषी नीतियों, हमारे किसान भाइयों-बहनों व कृषि वैज्ञानिकों की अथक मेहनत के फलस्वरूप कृषि क्षेत्र की निरंतर प्रगति हो रही हैं।
प्रथम अग्रिम अनुमान के अनुसार, वर्ष 2024-25 के दौरान कुल खरीफ खाद्यान्न उत्पादन 1647.05 लाख टन अनुमानित है, जो पिछले वर्ष के खरीफ खाद्यान्न उत्पादन की तुलना में 89.37 लाख टन अधिक एवं औसत खरीफ खाद्यान्न उत्पादन की तुलना में 124.59 लाख टन अधिक है। चावल, ज्वार और मक्का के अच्छे उत्पादन के कारण खाद्यान्न उत्पादन में रिकॉर्ड वृद्धि देखी गई है।
वर्ष 2024-25 के दौरान खरीफ चावल का उत्पादन 1199.34 लाख टन अनुमानित है, जो पिछले वर्ष के खरीफ चावल उत्पादन से 66.75 लाख टन अधिक एवं औसत खरीफ चावल उत्पादन से 114.83 लाख टन अधिक है। खरीफ मक्का का उत्पादन 245.41 लाख टन एवं खरीफ पोषक/मोटे अनाजों का उत्पादन 378.18 लाख टन अनुमानित है। इसके अलावा, 2024-25 के दौरान कुल खरीफ दलहनों का उत्पादन 69.54 लाख टन अनुमानित है।
2024-25 के दौरान देश में कुल खरीफ तिलहन उत्पादन 257.45 लाख टन अनुमानित है, जो कि पिछले वर्ष के खरीफ तिलहन उत्पादन की तुलना में 15.83 लाख टन अधिक है। वर्ष 2024-25 के लिए खरीफ मूंगफली उत्पादन 103.60 लाख टन व सोयाबीन का उत्पादन 133.60 लाख टन अनुमानित है। 2024-25 के दौरान देश में गन्ने का उत्पादन 4399.30 लाख टन अनुमानित है। कपास का उत्पादन 299.26 लाख गांठें (प्रति गांठ 170 किग्रा.) अनुमानित है। पटसन एवं मेस्ता का उत्पादन 84.56 लाख गांठें (प्रति गांठ 180 किग्रा) अनुमानित है।
विभिन्न खरीफ फसलों के उत्पादन का विवरण नीचे दिया गया है:
कुल खरीफ उत्पादन- 1647.05 लाख टन (रिकार्ड)
चावल- 1199.34 लाख टन (रिकार्ड)
मक्का- 245.41 लाख टन (रिकार्ड)
पोषक/ मोटे अनाज- 378.18 लाख टन
कुल दलहन- 69.54 लाख टन
तूर- 35.02 लाख टन
उड़द- 12.09 लाख टन
मूंग- 13.83 लाख टन
कुल तिलहन- 257.45 लाख टन
मूंगफली- 103.60 लाख टन
सोयाबीन- 133.60 लाख टन
गन्ना- 4399.30 लाख टन
कपास- 299.26 लाख गांठें (प्रति गांठ 170 किलो ग्राम)
पटसन एवं मेस्ता- 84.56 लाख गांठें (प्रति गांठ 180 किलो ग्राम)
ये अनुमान मुख्यत: राज्यों से प्राप्त जानकारी के आधार पर तैयार किए गए हैं। राज्यों से प्राप्त फसलों के क्षेत्रफल को रिमोट सेंसिंग, साप्ताहिक फसल मौसम निगरानी समूह और अन्य एजेंसियों से प्राप्त जानकारी के साथ सत्यापित और त्रिकोणित किया गया है। इसके अलावा, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग ने उद्योग और अन्य सरकारी विभागों के प्रतिनिधियों के साथ वर्तमान खरीफ मौसम के लिए उनकी राय, विचार और भावनाएं प्राप्त करने हेतु हितधारक परामर्श करने की पहल की है। अनुमानों को अंतिम रूप देते समय इन पर भी विचार किया गया है।
पहली बार, डिजिटल एग्रीकल्चर मिशन के तहत राज्य सरकारों के सहयोग से किए जा रहे डिजिटल क्राप सर्वे (DCS) के आंकड़ो का उपयोग क्षेत्रफल के अनुमानों तैयार करने के लिए किया गया है। यह सर्वे, जो मैनुअल गिरदावरी प्रणाली को प्रतिस्थापित करने के लिए परिकल्पितकिया गया है, मजबूत फसल क्षेत्रफल अनुमान प्राप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात और ओडिशा राज्यों जिसमें खरीफ 2024 में 100% जिलों को DCS के अंतर्गत कवर किया गया है, के लिए DCS आधारित फसल क्षेत्रफलका आंकलन किया गया है। इसके परिणामस्वरूप, विशेष रूप से उत्तर प्रदेश में चावल के अंतर्गत क्षेत्रफल में काफी वृद्धि हुई है।
फसलों की उपज के अनुमान मुख्य रूप से पिछली प्रवृत्तियों/सामान्य उपज, अन्य जमीनी स्तर के इनपुट और अपेक्षाओं पर आधारित हैं। यह उपज फसल कटाई समय के दौरान फसल कटाई प्रयोगों (सीसीई) के माध्यम से प्राप्त वास्तविक उपज के आधार पर संशोधित की जाएगी, जो अंततः उत्पादन अनुमानों में परिलक्षित होगी। वर्ष 2024-25 के प्रथम अग्रिम अनुमान (केवल खरीफ) के साथ पिछले अनुमानों का विवरण http://upag.gov.in पोर्टल पर उपलब्ध है।