एक दिल के साथ जन्मे जुड़वां बच्चों की 36 घंटे में मौत 

शहडोल। मेडिकल कॉलेज में रविवार रात दो जिस्म, एक दिल के साथ जन्मे जुड़वां बच्चों की सोमवार रात 3 बजे मौत हो गई। मेडिकल कॉलेज अधीक्षक डॉ. नागेन्द्र सिंह ने बताया कि एक दिल के सहारे ऐसे बच्चों का जीवित रहना मुश्किल होता है। जुड़वां बच्चों को जन्म देने वाली मां सुरक्षित है।

विदित रहे कि रविवार को अनूपपुर जिले की कोतमा निवासी वर्षा जोगी (25 वर्ष) को भर्ती किया गया था। शाम 6 बजे महिला का ऑपरेशन किया गया। इसमें ऐसे बच्चों ने जन्म लिया, जिनके जिस्म तो अलग थे, लेकिन दिल एक था।

डॉक्टर नागेन्द्र सिंह ने बताया कि ऐसे मामले कभी-कभी ही सामने आते हैं, जिसमें दो अलग-अलग भ्रूण गर्भ के अंदर ही एक-दूसरे से चिपक जाते हैं, जिससे ऐसी स्थिति बन जाती है। एक दिल से दो नवजात का जीवित रह पाना बहुत मुश्किल होता है। मेडिकल भाषा में ऐसे नवजातों को सीमंस ट्विन्स भी कहा जाता है।

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