सुनील योगी
बागली: वर्तमान में रबी फसल की तैयारी पूर्ण हो चुकी है जीन किसानों के पास सिंचाई के साधन कमजोर है उन्होंने अपने खेतों में गेहूं चना और राइ सरसों तथा मसूर की फसले लगाने में देरी नहीं की है। और जो किसान वर्तमान की सबसे महंगी फसल प्याज लहसुन और आलू को लगाने का विचार कर रहे हैं। वह अपने खेत को बेहतर रूप से तैयार करने में जुट गए हैं। क्षेत्र में इस बार सहकारी संस्थाओं में समय पर सभी प्रकार का खाद उपलब्ध होने से किसानो की चिंता कम हो गई लहसुन फसल लगाने वाले किसानों ने पहले से ही उन्नत किस्म की लहसुन का बीज तैयार करके रखा है दूसरी ओर प्याज फसल लगाने वाले किसानों ने भी दो माह पहले से प्याज का कण तैयार कर लिया है।
इसी प्रकार आलू फसल को भी किसानों ने ट्रैक्टर की मदद से लगाना शुरू कर दिया हैं। कृषि विज्ञान केंद्र आगर से जुड़े के वरिष्ठ वैज्ञानिक अशोक कुमार दीक्षित ने बताया कि इस बार नवंबर माह आरंभ हो चुका है लेकिन वास्तविक तापमान अभी तक काम नहीं हो पाया है। कदं फसल को लगाने में विशेष का लहसुन तथा आलू फसल में तापमान 20 से 25 डिग्री होना अनिवार्य है।इससे अधिक तापमान पर यह फसल ग्रोथ नहीं करेगी हालांकि किसान अपनी मर्जी से वर्तमान फसलों के भाव को देखते हुए इस फसल को लगाने का मन बना चुके हैं।
इसके चलते गेहूं फसल का रकबा तीन प्रतिशत कम होने की संभावना जताई जा रही है। दूसरी ओर चने की फसल में भी 5% की कमी होने की संभावना है। किसानों का कहना है कि आलू फसल बीज के लिए पंजाब और अन्य क्षेत्रों पर निर्भर होना पड़ता है। जबकि लहसुन फसल क्षेत्र में ही मिल जाती है। अच्छी किस्म की लहसुन का भाव 40 से ₹50 हजार रुपए प्रति क्विंटल चल रहा है। लेकिन अधिकतर किसानों ने पहले से ही इस फसल को बीज के रूप में सुरक्षित रख रखा है। अब देखना यह है ।कि किसानों को यह महंगा दाव कितना लाभदायक साबित होता है।