रविवार को एक लाख से भी अधिक भक्त ओंकारेश्वर पंहुचे 

ओंकारेश्वर

 

हजारों भक्त बगैर दर्शन कर लोटे

दर्शन व्यवस्था में सुधार की आवश्यकता

दो तरह की व्यवस्था का विरोध

 

 

रविवार एवं दीपावली की छुट्टी के चलते करीब एक लाख से भी अधिक भक्त तीर्थ नगरी ओंकारेश्वर पंहुचे

गोरतलब है की गुजरात में दीपावली पर 20 दिन का अवकाश रहता है

छुट्टी का लाभ लेते हुवे गुजरात के लोग परिवार सहित तीर्थ घूमने निकलते है।

 

इसी के चलते ओंकारेश्वर में अच्छी खासी भीड़ चल रही है

 

शनिवार को भी 50 हजार से अधिक भक्त ओंकारेश्वर पंहुचे थे

 

शीघ्र दर्शन टिकिट लेने के बाद भी भक्तो को 2,घंटे में दर्शन हुवे टिकट वाले भक्तो से रेम्प भरा रहा।

 

सामान्य लाइन से 4 घंटे में दर्शन हुवे

बच्चों वृद्ध लाइन में खड़े रहे

अनेक भक्त अधिक समय में दर्शन एवं भीड़ को देखकर दूर से ध्वजा शिखर एवं टी वी में लाईव दर्शन कर वापिस लोट गए।

 

अनेक भक्त जुगाड़ लगाकर दर्शन करने में कामयाब रहे।

 

इसके लिए सब मिल जुल कर दर्शन कराते रहे।

 

 

एक कहावत है बाप बढ़ा न भैया सबसे बढ़ा रुपैया

 

सबसे ज्यादा उन भक्तो की श्रद्धा को ठेस पंहुचती है जो टिकिट लेने के बाद भी 2, 2 घंटे भीड़ में छोटे छोटे बच्चों को लेकर खड़े रहते है

 

सामान्य लाइन में भक्ति के साथ श्रद्धा के साथ धक्के खाते हुए चार-चार घंटे में दर्शन कर रहे हैं

 

उनकी आंखों के सामने प्रोटोकॉल गेट से अनेक भक्त दर्शन करने के लिए प्रवेश करते नजर आते हैं।

 

आखिर इसका जवाबदाऱ कौन है

 

यह दो तरह की व्यवस्था से श्रद्धालुओं की श्रद्धा पर आघात पंहुच रहा है।

 

गर्भ गृह छोटा है दूर से दर्शन करने की सुविधा नहीं है एकदम नजदीक जाकर भक्तो को दर्शन कराने की मज़बूरी है।

 

दर्शन करने की गति को बढ़ाना पड़ेगा एक दो फिट दूर से दर्शन कराये जा सकते है।

 

किन्तु इस व्यवस्था को लागु करने में ट्रस्ट रूचि क्यों नहीं दिखाता है।

 

कुछ कर्मचारी अधिकारियो को गुमराह करते है।

 

दिव्यांगों के गेट को बन्द कर रखा है

दिव्यांग उससे सरलता से दर्शन कर सकते है।

दिव्यांगों को सबसे ज्यादा परेशानी होती है

 

टिकिट वाले भक्त सुखदेव मुनि गेट से जाते है उनकी लाइन सिंगल रूप में कपिलमुनी मूर्ति वाली दीवाल से लगकर होनी चाहिए।

 

उसमे सामान्य चांदी गेट से प्रवेश करने वाले भक्त नहीं मिलना चाहिए।

 

चांदी गेट से प्रवेश करने वाले भक्त प्रवेश कर मनागन से दर्शन कर सकेंगे

 

भीड़ के समय निकासी से प्रवेश पर पूरी तरह से प्रतिबंध होना चाहिए।

 

 

वी आई पी, प्रोटोकाल वाले, नेतागण,

आदि मोस्ट भक्तो को भी भीड़ के समय पुलिस रूम एवं बगल वाले गेट से प्रवेश कराना उचित होगा।।

 

भीड़ में जल फूल बिलपत्र बाहर हीं लेना चाहिए जो ज्योतिर्लिंग पर बाद में चढ़वा देना चाहिए।

 

अंदर केवल दर्शन करवाना उचित होगा भीड़ में खड़े रहकर दर्शन करने से गति कम होती है

प्रभावशाली लोग या उनको ले जाने वाले व्यवस्था को बिगाड़ते है।

 

ट्रस्ट ने स्थानीय समाज सेवी लोगो से भी राय लेना चाहिए।

जिनका हित जुडा है वो सही राय नहीं देंगे।

भक्त व्यवस्था को कोसते हुवे जाते है।

 

माननीय मुख्य मंत्री मोहन यादव जी

प्रभारी मंत्री जी, धर्मस्व मंत्री जी , मंदिर ट्रस्ट के ट्रस्ती गण,सी ई ओ एस डी एम जी

जिले और संभाग के आला अधिकारी गण ओंकारेश्वर की दर्शन व्यवस्था में सुधार के लिए बैठक लेकर भक्तो के हित में निर्णय लेवे।

 

साथ हीं ब्राम्हण वर्ग, एवं जो लोग पूजन पाठ से जुड़े है जिनका मंदिर जीजमानी से पीढ़ियों से जुड़े है उनको भी रोजगार मिल सके इस पर विचार करें

Next Post

पिता-पुत्रों ने मिलकर दादा को लगाई आग 

Sun Nov 3 , 2024
Share on Facebook Tweet it Share on Reddit Pin it Share it Email जमीन बंटवारे को लेकर चल रहा विवाद भोपाल, 3 नवंबर. बैरसिया इलाके में जमीन बंटवारे को लेकर पिता-पुत्रों ने मिलकर दादा को जान से मारने की लिए आग लगा दी. गंभीर रूप से झुलसे बुजुर्ग व्यक्ति को […]

You May Like