जबलपुर। नगर निगम द्वारा सड़कों के किनारे पैदल चलने वाले लोगों के लिए लगाए गए पेवर ब्लॉक अब खस्ताहाल स्तिथि में है। पिछले तीन साल में पेवर ब्लॉक के नाम पर तकरीबन 10 से 15 करोड़ रुपए खर्च कर दिए गए है। अब हालत यह है कि शहर में जगह-जगह पेवर ब्लॉक उखड़ने लगे हैं लेकिन नगर निगम की ओर से मेंटेनेंस नहीं किया जा रहा है। इससे सुंदरता खराब होने के साथ ही इनके लागत में खर्च पैसों को लेकर भी सवाल खड़े होने लगे है। उल्लेखनीय है कि शहर में पैदल चलने वालो एवं सिटी की सुंदरता बनाए रखने के लिए नगर निगम ने तीन साल पहले सड़कों के किनारे पेवर ब्लॉक लगाए थे। इसका उद्देश्य सड़को के किनारे को टिप टॉप रखने का था।
सड़को के साथ फुटपाथ भीं बदहाल
सूत्रों की माने तो सड़को के साथ साथ पेवर ब्लॉक लगाने में क्वालिटी का ध्यान नहीं रखा गया। इसके कारण रामपुर, इनकम टैक्स चौक, सिविक सेंटर, करमचंद चौक, घंटाघर, कलेक्ट्रेट चौक, जैसे सड़को के किनारे लगे पेवर ब्लॉक उखड़ रहे हैं। पेवर ब्लॉक पर जानकारों का कहना है कि वह एक-दूसरे के साथ लॉक रहते हैं। यदि उन्हें आपस में सही तरीके से लॉक नहीं किया जाए तो वह उखड़ने लगते हैं। कमाई के चक्कर में ज्यादातर ठेकेदारों ने जमीन समतल किए बिना ही पेवर ब्लॉक बिछा दिए। इससे कुछ दिनों में ही में पेवर ब्लॉक उखड़ जाते है।
चलना है मुश्किल
कई जगह उखड़े पेपर ब्लॉक के कारण लोगों को चलने में काफी तकलीफों का सामना करना पड़ रहा है। ऊपर से नगर निगम द्वारा पाइप लाइन सुधार और अन्य कार्यों के लिए सड़क और उसके किनारे गड्ढे खोद दिए जाते है।इससे पेवर ब्लॉक उखड़ जाते हैं। कई जगह पर कार्यक्रमों के लिए पंडाल लगाने के लिए खुदाई की जाती है। इसके बाद वहाँ पर दोबारा पेवर ब्लॉक नहीं लगाए जाते हैं। धीरे-धीरे कर पूरे क्षेत्र के पेवर ब्लॉक उखड़ जाते हैं।
इनका कहना है
अलग-अलग स्थानो पर उखड़ रहे पेपर ब्लॉक को फिर से रिपेयर किया जाएगा एवं पैदल चलने वालों के लिए सहूलियत प्रदान की जाएगी
शैलेंद्र मिश्रा, कार्य. यंत्री लोक निर्माण विभाग, नगर निगम