बिजली लाइनों पर झूलती पेड़ पौधों की डगाल 

जबलपुर। सड़कों के किनारे से गुजरी विद्युत लाइनों पर पेड़ पौधों की टहनियों झूल रही है। ट्रिपिंग और लाइनों में आने वाली समस्या को देखते हुए बिजली विभाग हर साल मेंटेनेंस का काम करता है। इसमें लाइन के किनारे लगे पेड़ों की कटाई-छँटाई की जाती है। जिसमें लाखों रुपए खर्च होते हैं। लेकिन मेंटेनेंस के कार्य की हकीकत रसल चौक, नागरथ चौक, इनकम टैक्स चौराहे के साथ अन्य जगह देखने को मिली। तस्वीरों में दिख रहा है कि बिजली के तार तो दूर स्ट्रीट लाइट तक झाड़ियों में ढँक चुकी है। यह नजारा इनकम टैक्स से तीसरे पुल रोड का है, जहाँ से बिजली विभाग के अधिकारी भी हर दिन गुजरते हैं। बावजूद इसके बिजली के तारों में उलझी झाड़ियाँ किसी को नजर नहीं आ रही हैं। इसी कारण पूरा क्षेत्र बिजली गुल होने और ट्रिपिंग की समस्या से परेशान है।

 

बिजली की कटौती लेकिन समस्या बरकरार

बिजली विभाग द्वारा मेंटेनेंस के नाम पर हर सप्ताह बिजली की कटौती तो की जाती है लेकिन कर्मचारियों की लापरवाही के कारण जमीनी स्तर पर मेंटेनेंस ठीक से नहीं हो पाता है। इसका अंदाजा विद्युत खंभों और झूलते बिजली तारों को देखकर लगाया जा सकता है। सभी कनेक्शन तारों पर टहनिया झूल रही है। जानकारों की माने तो बिजली कर्मचारी खंभे और तारों के आसपास लगे पेड़ों की टहनियों की छँटाई भी करते हैं लेकिन इसमें भी झोल होता है। कर्मचारी मुख्य मार्गों में लगे पेड़ों की कटाई-छँटाई तो पूरी ईमानदारी से करते रते हैं  लेकिन गली मोहल्लों में इस ओर ध्यान ही नहीं दिया जाता है।

 

सभी इलाकों के हाल एक से

शहर के अलग-अलग इलाकों में बिजली विभाग के हाल एक से हैं। कई जगह बिजली के तार पर पेड़ झूल रहे है । परिणाम स्वरूप हवा चलने पर पेड़ों की टहनियाँ झूलते बिजली तारों से टकराती हैं और चाहे जब बिजली गुल हो जाती है। बिजली के तारों को केबल में बदलने का काम तो शुरू किया गया था लेकिन अभी भी पूरी तरह परिवर्तन नहीं हो पाया है। इसको लेकर लोगों के द्वारा शिकायत भी की जाती है लेकिन विभागीय अधिकारियों को सुनने की फुरसत ही कहां है।

 

इनका कहना है

यह जो पेड़ पौधे लाइनों पर झूल रहे हैं इनको हटाने का कार्य शीघ्र ही किया जाएगा और यह लाइन 11 केवीए की नहीं है।

एस के सिन्हा, डीई, सिटी डिवीजन वेस्ट

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