भोपाल, 30 अक्टूबर (वार्ता) अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्य-जीव एल कृष्णमूर्ति ने बताया है कि 29 अक्टूबर की दोपहर बाँधवगढ़ टाइगर रिजर्व के खितौली और पतौर रेंज में 13 हाथियों के झुण्ड में से कुछ हाथियों के अस्वस्थ होने की जानकारी मिली थी। कान्हा और पेंच टाइगर रिजर्व के वन्य-जीव स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा सभी हाथियों की जाँच की गयी। अस्वस्थ हाथियों का उपचार किया जा रहा है।
आधिकारिक जानकारी में श्री कृष्णमूर्ति ने बताया कि 13 हाथियों के झुण्ड में से 2 हाथी पूर्णत: स्वस्थ पाये गये, 2 हाथी उपचार के सफल प्रयासों के बाद पूरी तरह से ठीक हो गये हैं। एक हाथी का अभी भी उपचार चल रहा है। उन्होंने बताया कि 8 हाथियों (एक नर और 7 मादा) की मृत्यु हो चुकी है।
श्री कृष्णमूर्ति ने बताया कि वन्य-जीव पशु चिकित्सकों और एसडब्ल्यूएफएच जबलपुर की टीमों द्वारा पोस्टमार्टम किया जा रहा है। कुल 14 चिकित्सक पोस्टमार्टम और उपचार में शामिल हैं। प्रमुख मुख्य वन संरक्षक वन्य-जीव एवं मुख्य वन्य-जीव अभिरक्षक के निर्देशन एवं निगरानी में समस्त पोस्टमार्टम एवं जाँच की जा रही है।
श्री कृष्णमूर्ति ने बताया कि एसटीएसएफ प्रमुख और उनकी टीम डॉग स्क्वॉड के साथ घटनास्थल से 5 कि.मी. के इलाके में छानबीन कर मामले की जाँच कर रही है। अब तक क्षेत्र से धान, कोदो, पानी के नमूने लेकर जाँच के लिए स्कूल ऑफ वाइल्ड लाइफ फोरेंसिक एंड हेल्थ (एसडब्ल्यूएफएच) जबलपुर भेजे गए हैं। एसटीएसएफ की टीम ने डॉग स्क्वायड की मदद से 7 खेतों और 7 घरों की तलाशी ली। घटना के संबंध में 5 लोगों से पूछताछ भी की गई।
अब तक 6 हाथियों का पोस्टमार्टम किया जा चुका है और एक हाथी का नमूना जाँच के लिए एसडब्ल्यूएफएच भेजा गया है। प्रारंभिक साक्ष्यों और पोस्टमॉर्टम के आधार पर पशु चिकित्सक की प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार हाथियों की मौत का कारण कोदो की विषाक्तता प्रतीत होता है। इसकी तथ्यात्मक पुष्टि केवल फोरेंसिक लैब परीक्षण रिपोर्ट के बाद ही की जा सकेगी। एनटीसीए मध्य क्षेत्र के एआईजी नंदकिशोर काले भी मौके पर हैं। वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो (डब्ल्यूसीसीबी) नई दिल्ली ने मामले की जाँच के लिए एक समिति गठित की है। राज्य शासन ने भी मामले की उचित जाँच के लिए एक राज्य स्तरीय जाँच समिति का गठन कर दिया है।