- समय रहते लगाम नहीं लगाई गई तो हो सकता है राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा
- पिछले वर्ष की तुलना में 2024 में 15% ज्यादा बढ़ा है साइबर हमला
नई दिल्ली – भारत की बढ़ती वैश्विक शक्ति और तेजी से बढ़ रहे विकास की गति को रोकने के लिए देश के भीतर और बाहर दोनों तरफ देश विरोधी ताकतें लगातार प्रयास कर रही हैं. विरोधियों द्वारा लगातार किए जा रहे समन्वित प्रयासों से खतरा है। अगर समय रहते इसका निराकरण नहीं किए जाने पर देश की आम जनता के बीच किसी भी समय अफरा तफरी मचने का खतरा पैदा हो सकता है।
आंकड़े बताते हैं कि वैश्विक स्तर पर 2024 की पहली तिमाही में साइबर हमलों में 76 प्रतिशत की वृद्धि हुई जिसमें भारत सबसे अधिक प्रभावित देशों में से एक है. साइबर हमलों में हुई वृद्धि को देखते हुए देश के उद्योग क्षेत्र को बड़ा खतरा है और इसे रोकने के लिए मजबूत सुरक्षा उपाय की जरूरत है. विशेष रूप से उन क्षेत्रों में जो साइबर अपराधियों सबसे ज्यादा निशाना बनाए गए हैं.
2023 में देश ने 79 मिलियन से अधिक साइबर हमलों का सामना किया जो साइबर हमलों की संख्या के मामले में वैश्विक स्तर पर तीसरे स्थान पर है. यह पिछले वर्ष की तुलना में 15 प्रतिशत ज्यादा है. 2024 की पहली तिमाही में साइबर हमलों में वृद्धि की रिपोर्ट सामने आने के बाद इन तीन महीनों में 500 मिलियन से अधिक घटनाओं को रोका गया. इसके अतिरिक्त हाल ही में प्रकाशित एक रिपोर्ट ने 2023 की इसी अवधि की तुलना में 2024 की दूसरी तिमाही के दौरान भारत में साइबर हमलों में 46 प्रतिशत की वृद्धि होने की बात कही है.
बता दें कि 2024 के पहले चार महीनों में देश भार में 740,000 से अधिक साइबर अपराध की शिकायत दर्ज की गई जिसके कारण लोगों को 1750 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान उठाना पड़ा.
प्रहार संस्था की तरफ से किए गए एक रिसर्च में यह बात सामने आई है कि समय रहते इस पर लगाम नहीं लगाई गई तो 2033 तक भारत में सालाना लगभग 1 ट्रिलियन साइबर हमले होंगे और इसे नहीं रोका गया तो 2047 तक यह 17 ट्रिलियन तक हो जाएगी. इस आंकड़े को देखकर यह साफ साफ लगता है कि अगर साइबर सुरक्षा को मजबूत नहीं किया गया तो इससे राष्ट्रीय सुरक्षा को गंभीर खतरा हो सकता है.
साइबर हमले को लेकर प्रहार ने द इनविजिबल हैंड नाम से एक रिपोर्ट जारी की है. रिपोर्ट को तैयार करने के लिए अलग अलग क्षेत्रों के प्रमुख विशेषज्ञों से परामर्श लिया गया और इनपुट एकत्र किए विशेष रूप से वे जो साइबरवर्ल्ड और साइबर खतरों के बारे में अच्छी जानकारी रखते हों.
भारत सरकार के सेवानिवृत्त संयुक्त सचिव भार्गव मित्रा ने कहा, “भारत को अंदर और बाहर दोनों तरफ से नुकसान पहुंचाने वाली शक्तियां काम कर रही हैं. पिछले कई वर्षों में इसमें तेजी आई है. किस पर हमला करना है इसका चयन सावधानी से किया जाता है. भारत को कमजोर करने के लिए आर्थिक, सामाजिक, धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्रों पर हमले किए जाते है. बांग्लादेश में जिस तरह की घटनाएं हुई वह उदाहरण हैं”.
साइबर हमलों पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए, प्रहार के राष्ट्रीय संयोजक और अध्यक्ष अभय मिश्रा ने कहा, “साइबर हमले दो प्रकार के होते हैं। पहले में पारंपरिक हैकर्स शामिल हैं जो कमजोरियों का फायदा उठाते हैं”.