जबलपुर। मप्र हाईकोर्ट के जस्टिस विवेक जैन की एकलपीठ ने सतना जिले बिरसिंहपुर नगर पालिका में पदस्थ कर्मी की सेवा समाप्ति पर रोक लगा दी है। एकलपीठ ने उसे फिलहाल कार्य करने की अनुमति प्रदान की है।
यह मामला याचिकाकर्ता कमलेश पांडे की ओर से दायर किया गया था। जिनकी ओर से अधिवक्ता मनोज कुशवाहा व कौशलेन्द्र सिंह ने पक्ष रखा। जिन्होंने बताया कि याचिकाकर्ता नगर पालिका बिरसिंहपुर जिला सतना में कई वर्षों से कार्यरत था। वहां पर दो पक्षों के मध्य में पारिवारिक जमीन संबंधी विवाद था। जिस पर एक पक्ष द्वारा नगर पालिका कर्मचारी एवं अन्य के विरुद्ध झूठी शिकायतें कर आरोप लगाया गया कि याचिकाकर्ता व अन्य लोग द्वारा एक फर्जी बंटवारा बनाकर किसी एक अन्य व्यक्ति के पक्ष में नामांतरण किया गया है। प्रारंभिक जांच में पुलिस प्रशासन द्वारा यह पाया गया कि शिकायतकर्ता द्वारा जो शिकायत की गई है वह उस पर कोई भी प्रकरण नहीं बनता है। जिसके बाद न्यायिक मजिस्ट्रेट न्यायालय के समक्ष आवेदन प्रस्तुत किया गया। जिस पर याचिकाकर्ता एवं अन्य के विरुद्ध धारा 419 420 465 467 का प्रकरण दर्ज किया गया। जिस पर आवेदक ने अग्रिम जमानत का आवेदन पेश किया, जो कि निरस्त हो गया। इसके उपरांत उसे हाईकोर्ट से जमानत मिली। इस दौरान लगभग 2 महीने तक वह अपनी सेवा नगर पालिका पर नहीं दे सका। जिस पर दुर्भावना पूर्वक कार्यवाही करते हुए मुख्य नगर पालिका अधिकारी ने बिना कोई जांच के एवं बिना सुनवाई का मौका दिए हुए उसकी सेवा समाप्त कर दी। सुनवाई पश्चात् न्यायालय ने सेवा समाप्ति के आदेश पर रोक लगा दी।