तत्कालीन कलेक्टर की पहल हुई हवा

उजड़ चुके हैं शहर के आनंदम केंद्र

जबलपुर: शहर में मौजूद नेकी की दीवारें वीरान हो गई हैं। यहाँ पर जरूरतमंदों के लिए उपयोगी सामग्री तक उपलब्ध नहीं हो पा रही है। इसकी झलक कलेक्ट्रेट कार्यालय और सिविक सेंटर स्थित नेकी की दीवारो में देखने को मिली। यहां अगर कुछ रखा भी जा रहा है तो वह सिर्फ मैले कपड़े जो किसी के भी उपयोग के लायक नहीं है। यहां रखे कपड़ों को कुछ शरारती तत्वों द्वारा इधर उधर ले जाकर बेचा जा रहा है। यही वजह है कि जरूरतमंदों को उनके मतलब के कपड़े तक नसीब नहीं हो पाते हैं। खासकर अच्छे सूती कपड़े तो नेकी की दीवारों में दिखना ही बंद हो चुके है।

सभी जगह बदहाल हुई दीवार
तत्कालीन कलेक्टर महेश चंद चौधरी द्वारा अपने कार्यालय के अंदर ही आनंदम केंद्र खोला था। इसमें खाद्य सामग्री, कपड़े, जूते आदि जरूरतमंद सामग्री मुहैया करवाई जाती थी, लेकिन अब यहां कुछ नहीं है। वही सिविक सेंटर स्थित नेकी की दीवार के भी हालत इसी से मिलते जुलते हैं यहां दीवार के सामने दुकानें सजाई जा रही हैं वहीं इसके अंदर सिर्फ कपड़ों के चिथड़े ही बचे हुए हैं।

ऐसे हुई शुरुआत
अगर आपकी कोई चीज दूसरे के लिए उपयोगी साबित हो रही तो इसके लिए शहर में आनंदम केंद्र चालू किए गए थे। जिनको नेकी की दीवार नाम दिया गया था। उस वक्त यहाँ पर लोग उन वस्तुओं को रख जाया करते थे जो दूसरों के लिए जरूरी होती थीं। इनमें कपड़ों से लेकर घरेलू उपयोग की वस्तुएँ भी शामिल थी लेकिन जैसे-जैसे समय बीता वैसे-वैसे ये आनंदम केंद्र बदहाल हो गए। हालांकि जिम्मेदारों की माने तो शीत ऋतु चालू होने से पहले इन दीवारों को संवारा जाएगा।

इनका कहना है
जल्द ही सारी नेकी की दीवारों को व्यवस्थित कर दिया जाएगा और इसके लिए हमने बहुत कुछ सोच के रखा है।
प्रीति यादव, कमिश्नर, जबलपुर

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