झाबुआ। मध्यप्रदेश सरकार अब लैंगिक अपराध से पीडि़त नाबालिगों को संरक्षण और वित्तीय सहायता देगी। महिला-बाल विकास मंत्री निर्मला भूरिया ने बताया की लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 (संशोधित 2019) की धारा 4 एवं 6 के तहत 18 वर्ष तक के पीडि़तों को सहायता एवं निर्भया फंड से वित्तीय सहायता प्रदाय करने का निर्णय मंत्रि-परिषद द्वारा किया गया। सुश्री भूरिया ने बताया की योजना का उद्देश्य 18 वर्ष तक लैंगिक अपराध से पीडि़त नाबालिग गर्भवती बालिका को पॉक्सो अधिनियम 2012 के तहत एक ही स्थान पर एकीकृत सहयोग एवं वित्तीय सहायता प्रदान करना है। पीडि़ता को तत्काल, आपातकालीन एवं गैर आपातकालीन सेवाएं प्रदान करना एवं दीर्घकालिक पुनर्वास के लिये विभिन्न सुविधाएं जैसे शिक्षा, पुलिस सहायता, चिकित्सा जिसमें मातृत्व, नवजात शिशु, शिशु की देख-भाल शामिल है। साथ ही मनोवैज्ञानिक, कानूनी सहायता आदि सुविधाएं भी प्रदान की जाती है। उन्होने आगे बताया कि यह योजना महिला-बाल विकास मंत्रालय द्वारा निर्भया फंड के तहत 100 प्रतिशत केंद्र वित्त पोषित योजना के रूप में संचालित की जायेगी। इसमें प्रदेश के प्रत्येक जिले को 10 लाख रूपये आवंटित किये जायेंगे। राज्य वास्तविक घटना और जिलों की आवश्यकता के अनुसार राशि का उपयोग कर सकते हैं। जिला स्तर पर जिला बाल संरक्षण अधिकारी इस निधि का उपयोग जिला कलेक्टर के समग्र नियंत्रण में कर सकेंगे।
24 झाबुआ-5-मंत्री परिषद की बैठक