नयी दिल्ली (वार्ता) हरमनप्रीत सिंह की अगुवाई वाली भारतीय हॉकी टीम जर्मनी के साथ बुधवार से शुरु होने जा रही द्विपक्षीय सीरीज के पहले मुकाबले में मेहनमान टीम को हराकर प्रशंसकों का दिल जीतने के लिए इरादे से मैदान में उतरेगी।
कल होने वाला यह मुकाबला भारतीय हॉकी टीम के लिए ही नहीं उनके दक्षिण अफ्रीकी कोच क्रेग फुल्टन के लिए 29 वर्ष बाद एक विशेष एहसास लेकर आयेगा। फुल्टन का 21 साल की उम्र में 1995 में इंदिरा गांधी गोल्ड कप में अंतरराष्ट्रीय हॉकी का पदार्पण मैच इसी स्टेडियम में आयोजित हुआ था। अब भारतीय राष्ट्रीय टीम के मुख्य कोच के रूप में इस ऐतिहासिक स्थल पर उनकी वापसी उनके करियर का एक महत्वपूर्ण मोड़ है।
भारतीय हॉकी टीम को पेरिस ओलंपिक के सेमीफाइनल में मिली 3-2 की मामूली हार का सामना करना पड़ा था। भारत के पास उस मैच का बदला लेने का अवसर होगा। वहीं भारतीय कोच के लिए भी यह मैच उनकी यादों को ताजा करेगा। जबकि जर्मनी अपनी श्रेष्ठता साबित करने का प्रयास करेगा।
मेजर ध्यानचंद स्टेडियम में मैच को लेकर फुल्टन ने कहा, “इस प्रतिष्ठित स्थल पर वापस आना एक विशेष एहसास है, यहां से मैंने लगभग तीन दशक पहले अपनी अंतरराष्ट्रीय यात्रा शुरू हुई थी। इस बार यहाँ वापस आना भारतीय राष्ट्रीय टीम के कोच के रूप में वास्तव में उल्लेखनीय है। उत्साही घरेलू प्रशंसकों के सामने जर्मनी जैसी शीर्ष टीम के खिलाफ सीरीज खेलना इस अवसर के महत्व को और बढ़ा देता है। मैं इस तरह की महत्वपूर्ण सीरीज में खिलाड़ियों के प्रतिभाशाली समूह का मार्गदर्शन करने के लिए उत्सुक हूँ। यह मेरे लिए व्यक्तिगत रूप से गर्व और चिंतन का क्षण है, और मुझे उम्मीद है कि हम एक यादगार प्रदर्शन कर पाएँगे।”
उन्होंने कहा, “एक विरोधी के दृष्टिकोण से जर्मनी बहुत सारे खतरे पैदा करता है, वे सामरिक रूप से बहुत अच्छे हैं, वे मैन-टू-मैन मार्किंग में अच्छे हैं। इसलिए हमें रणनीति को बदलना होगा। आप जानते हैं कि आप 10 मिनट तक एक तरह से खेल सकते हैं और फिर पूरी तरह से अलग तरह से। वे एक अच्छी टीम हैं, स्मार्ट टीम हैं और हमें जर्मनी के साथ खेलना पसंद है।”
भारतीय पुरुष हॉकी टीम के कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने कहा, “मैं दिल्ली में फिर से खेलने के लिए वास्तव में उत्साहित हूं। उन्होंने कहा कि इस शहर और मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम से मेरी बहुत सारी यादें जुड़ी हुई हैं। 2013 में, मैं यहां आयोजित जूनियर कैंप का हिस्सा था और मैंने इसी स्टेडियम में प्रशिक्षण और अपने कौशल को निखारने में अनगिनत घंटे बिताए। इसने एक खिलाड़ी के रूप में मेरे विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, इसलिए यहां अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने के लिए वापस आना एक विशेष घर वापसी जैसा लगता है। माहौल, भीड़ और इस स्थान का महत्व इसे और भी रोमांचक बनाता है।
इस हॉकी श्रृंखला के लिए हॉकी इंडिया और पीएफसी डिजिटल टिकटिंग प्रणाली के जरिए दर्शकों के लिए निःशुल्क प्रवेश सुनिश्चित करने का प्रयास किया है।