2027 तक भाारत वैश्विक पर्यटन के शीर्ष पांच बाजारों में होगा शामिल

नयी दिल्ली, 22 अक्टूबर (वार्ता) अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन के स्रोत बाजार के रूप में भारत का महत्व बढ़ रहा है क्योंकि स्किफ्ट इंडिया के अनुसार, 2008 से 2019 के बीच अंतर्राष्ट्रीय यात्रा पर खर्च सालाना 17 प्रतिशत बढ़ा है, जो कुल मिलाकर वैश्विक पर्यटन की तुलना में चार गुना अधिक है। 2027 के लिए स्किफ्ट ने 2019 की तुलना में 230 प्रतिशत की और वृद्धि का अनुमान लगाया है जिससे भारत को वैश्विक पर्यटन के लिए शीर्ष 5 स्रोत बाजारों में शामिल हो जायेगा।

भारतीय आउटबाउंड बाजार के तेजी से विकास में भाग लेना जारी रखने के लिए जर्मन नेशनल टूरिस्ट बोर्ड उपमहाद्वीप पर अपनी बाजार गतिविधियों का व्यवस्थित रूप से विस्तार कर रहा है।

बोर्ड की सीईओ पेट्रा हेडोर्फर ने आज यहां यह जानकारी देते हुये कहा “हम दो दशकों से एक बिक्री एजेंसी के साथ भारतीय बाजार पर काम कर रहे हैं। 2015 में, हमने पहली बार इंडिया पूल की शुरुआत की, जो भारत में जर्मन भागीदारों की गतिविधियों का समर्थन करने में बेहद सफल रहा है। जर्मनी में भारतीय मेहमानों द्वारा रात भर ठहरने की संख्या 2019 तक 693,000 से लगभग 40 प्रतिशत बढ़कर 962,000 हो गई। इंडिया पूल के नए संस्करण और बाजार-विशिष्ट गतिविधियों के साथ, हम भारतीय यात्रियों की मांग और जर्मनी में पर्यटन की पेशकश के बीच पुल का निर्माण कर रहे हैं। बदलती परिस्थितियों – विशेष रूप से तकनीकी विकास – को देखते हुए हम अगले वसंतकाल में बोर्ड इंडिया डिजिटल ट्रैवल नॉलेज टूर के साथ जर्मन ट्रैवल इंडस्ट्री के शीर्ष प्रबंधकों के साथ एक हाई-प्रोफाइल प्रतिनिधिमंडल यात्रा का आयोजन भी कर रहे हैं।”

उन्होंने कहा कि भारत से जर्मनी जाने वाले यात्रियों का प्रवाह कई वर्षों से लगातार बढ़ रहा है। कोरोना महामारी के खत्म होने के बाद 2023 में भारतीय मेहमानों ने होटलों और गेस्टहाउसों में 826,000 रातें बिताईं जो 2022 की तुलना में 33 प्रतिश्ता अधिक है। 86 प्रतिशत की रिकवरी दर के साथ, भारतीय बाजार अन्य सभी एशियाई देशों की तुलना में कोविड महामारी से बहुत तेज़ी से उबर रहा है। टूरिज्म अर्थव्यवस्था ने दशक के अंत तक हर साल जर्मनी में भारत से 16 लाख रातें रुकने का अनुमान लगाया है। मूल्य सृजन के मामले में भी भारतीय बाजार आशाजनक है। आईपीके इंटरनेशनल के अनुसार, 2023 में जर्मनी में सभी भारतीय पर्यटकों का कुल कारोबार 90 करोड़ यूरो था।

उन्होंने कहा कि तकनीकी नवाचार और अंतरराष्ट्रीय यात्रा उद्योग के साथ नेटवर्किंग प्रतिनिधिमंडल यात्रा का मुख्य विषय है। जर्मन ट्रैवल इंडस्ट्री के सीईओ दिल्ली, बेंगलुरु और मुंबई में दूरदर्शी भारतीय तकनीक और ट्रैवल कंपनियों से मिलेंगे। वे भारतीय लक्षित समूह की विशिष्ट आवश्यकताओं और मौजूदा रुझानों के बारे में बहुमूल्य जानकारी प्राप्त करेंगे, जो बाजार में तेजी से डिजिटल परिवर्तन की विशेषता है। साथ ही, जर्मनी आने वाले पर्यटन के लिए इस गतिशील बाजार की पूरी क्षमता का दोहन करने के लिए भारतीय कंपनियों के साथ सहयोग शुरू करने के अवसर भी मौजूद हैं।

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