सरकारी स्कूलों के पुस्तकों को कबाड़ियों के हाथ बेचने सहित कलेक्टर के रोक के बावजूद भूमि की रजिस्ट्री कराने का मामला
सिंगरौली :कोतवाली बैढ़न में ऐसे दो बहुचर्चित अपराध दर्ज है। जिसको लेकर पुलिस की ढुलमुल रवैया से फरियादी भी सवाल उठाने लगे हैं। सरकारी स्कूलों के पुस्तक ों को कबाड़ी के हाथ बेचने के अलावा कलेक्टर के द्वारा रोक लगाए जाने के बावजूद रजिस्ट्री कराने के मामले में आरोपियों पर दर्ज अपराध में गिरफ्तारी न करने पर ही प्रश्न खड़े किये जा रहे हैं।गौरतलब है कि चितरंगी जनपद शिक्षा केन्द्र के तत्कालीन बीआरसीसी सियाराम भारती समेत अन्य पर कक्षा 1 से लेकर 8वीं तक की सरकारी पुस्तकों को यूपी उन्नाव जिले के एक कबाड़ी के हाथ बेचने के मामले में कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक के सख्त निर्देश पर बीआरसीसी समेत हेडमास्टर व पुस्तक प्रभारी एपीसी पर कोतवाली में 17 सितम्बर को अपराध को दर्ज किया गया है।
लेकिन इनकी गिरफ्तारी अभी तक कोतवाली पुलिस नही कर पाई है। गिरफ्तारी न करने के पीछे एक नही है कई कारण गिनाएं जा रहे हैं। चर्चाएं यहां तक है कि कोतवाली पुलिस इन्हें अग्रिम जमानत कराने छूट दे रखी है। इसीलिए इनकी गिरफ्तारी करने में नानुकुर व फरार होने का बहाना बता रही है। जबकि पुलिस चाहे तो किसी भी आरोपी को पाताल से भी ढूंढ सकती है। वही बर्खास्त बीआरसीसी व अन्य को पुलिस के द्वारा गिरफ्तार क्यो नही कर पा रही है। इसका जवाब वही बता पाएगी। इधर 11 मई 2022 को तत्कालीन कलेक्टर ने चितरंगी तहसील क्षेत्र के बगदरा अंचल की भूमियों के क्र य-विक्रय पर रोक लगा दिया था।
इसके बावजूद बगदरा उप तहसील क्षेत्र के झपरहवा गांव के 30 एकड़ की भूमि राजकुमारी एवं संजय जायसवाल के नाम उपपंजीयक बैढ़न के द्वारा रजिस्ट्री कर दी गई थी। वही बाद में भूमि विक्रेता फर्जी निकला था। यह सब तत्कालीन पटवारी की कार्य गुजारी थी। जांच उपरांत एवं फरियादी संजय कुमार जायसवाल के रिपोर्ट पर कोतवाली पुलिस ने आरोपी उदितनारायण शर्मा, अरूण कुमार विश्वकर्मा, सीताराम विश्वकर्मा, राकेश मल्लाह एवं गुलाब प्रसाद जायसवाल के खिलाफ 8 अगस्त 2023 को कोतवाली पुलिस ने आरोपियों के विरूद्ध भादवि की धारा 420, 467, 468, 471 एवं 120 बी के तहत अपराध दर्ज की है। वही पिछले दिनों उपपंजीयक अशोक सिंह परिहार का नाम भी प्रथम दृष्टया में आरोप मिलने पर शामिल किया है। इसमें से अभी तक एक आरोपी सीताराम विश्वकर्मा की किसी तरह गिरफ्तारी कर चुकी है। शेष आरोपियों को फरार बता रही है।
बर्खास्त बीआरसीसी कब होगा गिरफ्तार
सरकारी स्कूलों के किताबों को बिक्री के मामले में करीब एक महीने पूर्व कोतवाली बैढ़न में चितरंगी के बर्खास्त बीआरसीसी सहित निलंबित दो अन्य कर्मचारियों पर मामला पंजीबद्ध है। किन्तु आरोप लगाया जा रहा है कि कोतवाली पुलिस इस संवेदनशील मामले को गंभीरता से नही ली है। बल्कि इस अपराध में शामिल आरोपियों को अग्रिम जमानत कराने के लिए मोहलत दी है। जबकि पुलिस के नजर में वे सब फरार हैं। पुलिस की दोहरे मापदण्ड पर तरह-तरह के प्रश्न खड़े हो रहे हैं।
उप पंजीयक से पुलिस मांगेगी स्पष्टीकरण
कोतवाली टीआई के अनुसार बैढ़न में पदस्थ सब रजिस्टार का नाम विवेचना के उपरांत शामिल किया गया है। प्रथम दृष्टया में आरोप मिला है। उपपंजीयक से पहले स्पष्टीकरण मांगा जाएगा। इसके बाद विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराने के बाद अग्रिम कार्रवाई की जाएगी। इधर फरियादी संजय कुमार जायसवाल ने कोतवाली पुलिस के कार्यप्रणाली पर ही सवाल उठाया है और आरोप लगाया कि किसी तरह एसपी के सख्त निर्देश के बाद किसी तरह सब रजिस्टार का नाम शामिल किया गया है। लेकिन अब कोतवाली पुलिस तरह-तरह की तर्क दे रही है। इस पर कोतवाली पुलिस की रवैया समझ से परे है।
इनका कहना
बर्खास्त बीआरसीसी व उसके अन्य सहयोगी फरार है। जिसकी तलाश की जा रही है। उप पंजीयक को स्पष्टीकरण नोटिस जारी होगा। जवाब मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। साथ ही विभाग को भी इसके बारे में अवगत कराया जाएगा।
अशोक सिंह परिहार
निरीक्षक, कोतवाली बैढ़न