नयी दिल्ली 18 अक्टूबर (वार्ता) लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार को महिलाओं के केवल सांकेतिक प्रतिनिधित्व के बजाय वास्तविक सशक्तिकरण का आह्वान किया।
श्री गांधी ने आज यहां देश में महिला सशक्तिकरण के लिए इंदिरा फेलोशिप की ओर से शुरू किये गये आंदोलन ‘शक्ति अभियान’ की बैठक को संबोधित करते हुए इस बात पर जोर दिया कि आज राजनीति में संघर्ष केवल पारंपरिक विपक्षी दलों के खिलाफ नहीं है, बल्कि एक व्यापक ‘वैचारिक लड़ाई’ है। उन्होंने कहा, “आज राजनीति में हमारी लड़ाई केवल सत्ता के लिए नहीं है, बल्कि प्रतिनिधित्व के लिए भी है और वे एक ही सिक्के के दो पहलू हैं, उतने अलग नहीं हैं जितना कुछ लोग सोचते हैं।”
उन्होंने शक्ति अभियान के साहसिक प्रयासों की सराहना की, जो महिलाओं को अपने समुदायों में नेतृत्व करने, संगठित करने और राजनीतिक विमर्श को नया रूप देने के लिए जगह प्रदान कर रहा है।
इंदिरा फेलोशिप द्वारा संचालित शक्ति अभियान एक राष्ट्रीय पहल है जिसका उद्देश्य भारतीय राजनीति में महिलाओं का समान प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करना है। आज के विचार-विमर्श में 21 राज्यों के प्रतिभागियों ने भाग लिया, जो अपने-अपने क्षेत्रों में शीर्ष प्रदर्शन कर चुके हैं और जमीनी स्तर पर महिलाओं के सामने पितृसत्ता की गहरी चुनौतियों से निपटने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
सत्र में प्रतिभागियों ने अपने जमीनी अनुभव साझा किए और राजनीतिक ढांचे में सामाजिक प्रतिरोध, संसाधनों की कमी और पितृसत्ता की चुनौतियों पर चर्चा की।
शक्ति अभियान की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक अगले दो दिनों तक जारी रहेगी, जिसमें आंदोलन का विस्तार करने और भारत में महिलाओं की राजनीतिक भागीदारी को मजबूत करने के लिए भविष्य की कार्य रणनीतियों पर चर्चा की जाएगी।