ट्रेन से टकराकर हुई थी युवक की मौत
क्षत-विक्षत हालत में मिला था शरीर
भोपाल:एक युवक के सिर की तलाश में बागसेवनिया पुलिस पिछले तीन दिनों से रेलवे पटरियों और झाडिय़ों की खाक छान रही, लेकिन सिर नहीं मिला. युवक की मंगलवार रात तेज रफ्तार ट्रेन से टकराने के कारण मौत हुई थी. बुधवार को दोपहर में उसका सिर विहीन क्षत-विक्षत शव मिला था. अनुमान है कि सिर ट्रेन में ही फंसकर आगे निकल गया होगा. इसके लिए रेलवे और जीआरपी से पत्राचार किया जा रहा है. मूलत: बैतूल निवासी दीपक महोबे (29) यहां कस्तूरबा अस्पताल के सामने गोविंदपुरा में अपने मामा के पास रहता था. करीब दो साल से वह एम्स में आउट सोर्स कर्मचारी के रूप में काम कर रहा था. पिछले फरवरी महीने में उसकी शादी हुई थी.
पत्नी उज्जैन में टीचर है. मंगलवार की रात दीपक घर से निकला था. देर रात रानी कमलापति रेलवे स्टेशन के आउटर पर वह एक तेज रफ्तार ट्रेन से टकरा गया. पायलेट ने घटना की जानकारी रेलवे कंट्रोल रूम को दी, जिसके बाद बागसेवनिया पुलिस को सूचना मिली. तड़के करीब तीन बजे पुलिस घटनास्थल पहुंची, लेकिन सर्चिंग के दौरान शव नहीं मिला. बुधवार को दिन में दोबारा से पटरियों की सर्चिंग शुरू की गई तो करीब एक किलोमीटर आगे दीपक का सिरविहीन शव बरामद हुआ. उसके पास मिले मोबाइल से उसकी पहचान हुई. उसके बाद पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराने के बाद लाश परिजन को सौंप दी.
सिर की तलाश में जुटी पुलिस टीम मृतक के सिर की तलाश में पुलिस की एक टीम डॉग स्क्वाड और परिजनों के साथ जुट गई. तीन दिनों तक पुलिस ने घटनास्थल से लेकर आगे कई किलोमीटर तक पटरियो के किनारे और झाडिय़ों में तलाशा, लेकिन सिर का कुछ पता नहीं चला. मामले की जांच कर रहे एएसआई भूपेंद्र पाठक ने बताया कि अगर कोई जानवर भी उसे लेकर जाता तो कुछ दूरी पर छोड़ देता. अनुमान है कि हादसे के समय दीपक का सिर ट्रेन में ही फंस गया होगा, जिससे वह कई किलोमीटर आगे निकल गया होगा. मोबाइल से होगा कारणों का खुलासा एएसआई पाठक ने बताया कि फिलहाल मामला खुदकुशी का लग रहा है. दीपक के मोबाइल फोन की सीडीआर निकलवाई जा रही है. उसके बाद ही घटना के कारणों का खुलासा हो पाएगा. इसके साथ ही रेलवे और जीआरपी से पत्राचार किया जाएगा, जिससे यह पता चल पाएगा कि दीपक का सिर कहां पर गिरा था