पांच घंटे में दर्शन,पुरानी व्यवस्थाएं कब बदलेगा प्रशासन?

 

नवभारत न्यूज

खंडवा-ओंकारेश्वर। नगर में शुक्रवार गुड फ्र्राइ-डे पर एक लाख भक्त ओंकारेश्वर पहुंचे। शनिवार रंगपंचमी,रविवार,सोमवार को भी भारी संख्या में भक्त पहुंचेंगे। व्यवस्थाएं भी बोनी दिखाई दी। कतार में भक्त धक्का-मुक्की से परेशान दिखे।

शुक्रवार को गुडफ्राइडे की छुट्टी के चलते ओंकारेश्वर में दोनों पुल से लंबी लाइन लग गई थी। छोटे छोटे बच्चों को लेकर भक्त लाइन में घंटों लगे रहे। 5 घंटे में दर्शन हुए। भक्त गर्मी से परेशान होते रहे। मौसम ने भी मिजाज बदल दिया। दोपहर बाद बादल छा गए थे। जिससे गर्मी बढ़ गई।

अलग एसडीएम जरूरी

ओंकारेश्वर के लिए एसडीएम स्तर का प्रशासनिक अधिकारी अलग से होना चाहिए। पुनासा एसडीएम को लोड थमा दिया जाता है। ऐसे में एसडीएम को थप्पड़ जडऩे जैसी घटनाएं हो जाती हैं। कई पंडितों की भी दादागिरी उस समय आफत में आ जाती है, जब बाहरी श्रद्धालु भी वजनदार या गुस्सैल निकता है। मंदिर के सुरक्षाकर्मियों से भी भिड़ जाता है। मंदिर में भी कर्मचारी कभी कभी गलत व्यवहार लोगों से कर बैठते हैं।

 

पुरानी व्यवस्थाएं बदलें

 

ओंकारेश्वर मंदिर की पुरानी और लचर व्यवस्थाएं अब बदलनी होगी। प्रशासन भी ध्यान नहीं दे रहा है। गंदगी सब जगह है। बाहर से आने वाले तो दूर, लोकल खंडवा जिले तक के श्रद्धालुओं को दुकानों से लेकर फूल प्रसादी तक में लूटने की कोशिश की जाती है। अब अव्यवस्थाओं के चलते लोग परेशान होने लगे हैं। उज्जैन व इंदौर में बढ़ती पर्यटकों व आस्थावानों की संख्या के चलते ओंकारेश्वर में प्रशासन केवल त्यौहारों पर सजग दिखता है। कलेक्टर जैसे लोग तो एसडीएम को सुपुर्द कर अपनी व्यवस्थाएं देखने लगते हैं।

 

उज्जैन-काशी जैसी व्यवस्था हो

 

काशी विश्वनाथ और उज्जैन के महांकाल मंदिरों एसडीएम स्तर के प्रशासनिक अधिकारी स्वतंत्र रूप से काम देखते हैं। ऐसी व्यवस्था ओंकारेश्वर जैसे बड़े ज्योर्तिलिंग में क्यों नहीं हो सकती? कुछ प्रशासनिक अधिकारी खंडवा मुख्यालय में बिना या कम काम के हैं। इनमें से किसी जिम्मेदार को काम सौंपा जाना चाहिए।

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