कोरोनाकाल के बाद आज से खुलने जा रहे हैं कक्षा छठवीं से बारहवीं तक के विद्यालय
सीहोर नवभारत न्यूज.- कोरोनाकाल के चलते बंद पड़े स्कूलों में बुधवार से पढऩे आने वाले बच्चों का आना शुरू हो जाएगा, लेकिन सिर्फ उन्हीं बच्चों को स्कूल के अंदर आने का मौका मिलेगा जिनके मम्मी- पापा या अभिभावकों ने सहमति पत्र दिया होगा.
गत वर्ष कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए स्कूलों को मार्च माह से बंद कर दिया गया था. लाकडाउन की अवधि में स्कूलों पर ताला लटका रहा. बीते दिनों कोराना संक्रमण का खतरा कम होने के बाद अनलॉक में स्कूलों को खोलने की कवायद तो शुरू की गई, लेकिन कक्षा नवमी से कक्षा 12 तक के ही बच्चों को ही सशर्त आने की अनुमति प्रदान की गई थी. इस दौरान प्रायमरी और मिडिल स्कूलों को खोलने की अनुमति प्रदान नहीं की गई थी.
नियमों का पालन करना होगा
शासन के निर्देश पर बुधवार से जिले के सरकारी स्कूलों में कक्षा छटवीं से 12 वीं तक की कक्षाएं लगना शुरू हो रही हैं. शिक्षा विभाग ने इसकी तैयारी कर ली है, लेकिन कोरोना की गाइडलाइन के अनुसार ही बच्चों को स्कूल आने की अनुमति प्रदान की जाएगी. बच्चों को अपने माता- पिता से लिखित में सहमति पत्र लिखवाकर लाना होगा. स्कूल में सोशल डिस्टेंस का पालन करना होगा. स्कूल में छात्रों के अलावा शिक्षकों को भी मास्क पहनना अनिवार्य रहेगा. इसमें किसी प्रकार की लापरवाही बरते जाने पर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. इसी तरह कक्षा में प्रवेश करने से पहले हाथों को सेनेटाइज करना आवश्यक होगा. एक टेबल पर एक ही छात्र बैठ सकेगा.इसी तरह यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि इन कक्षाओं में जाने वाले शिक्षकों का टीकाकरण हो चुका हो.
छात्रों के दो समूह बनाकर पढ़ाएंगे
बुधवार से कक्षा छठवीं से 12 वीं तक की कक्षाएं लगाने के शासन ने आदेश दिए हैं. इसके तहत शिक्षा विभाग द्वारा तैयारियां की जा चुकी हैं. शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार स्कूलों में बच्चों को फिफ्टी- फिफ्टी फार्मूले अर्थात दो समूह बनाकर स्कूल बुलाया जाएगा. वर्तमान में भी सरकारी स्कूलों में कक्षा नवमीं से 12 वीं तक के बच्चों को समूह बनाकर अलग- अलग दिन बुलाया जा रहा है. इसके तहत आधे बच्चे एक दिन तथा बाकी के आधे छात्र दूसरे दिन स्कूल आएंगे. शिक्षा विभाग का कहना है कि कक्षा में छटवीं से आठवीं तक के बच्चों को ही बैठाया जाएगा. कक्षा 9 से 12 तक जो बच्चे स्कूल आएंगे, उस दिन बाकी के विद्यार्थी घर पर ही रहकर ऑनलाइन पढ़ाई करेंगे. इन्हें अगले दिन स्कूल में बुलाकर पढ़ाया जाएगा.
प्रबंधन के समक्ष बनी रहेगी चुनौती
बुधवार से छोटी कक्षाएं प्रारंभ होने से स्कूल प्रबंधन के समक्ष चुनौतियां भी रहेंगी. छोटो बच्चों से कोराना गाईडलाइन का पालन कराना आसान नहीं रहेगा. इसी तरह सोशल डिस्टेंस अथवा मास्क का उपयोग कराने में भी स्कूल प्रबंधन को पसीना आ जाएगा. इसे राहत की बात माना जाएगा कि जिला वर्तमान में कोरोना से मुक्त है. स्कूलों में कक्षाएं लगने से स्कूलों में कोलाहल बढ़ेगा और कोराना के खतरे का भी अंदेशा बना रहेगा. ऐसे में शिक्षा विभाग को काफी सजग रहना पड़ेगा.